दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार गुरुवार शाम थम गया। प्रचार थमने के साथ ही भाजपा ने अब अपनी रणनीति बदल दी है। पार्टी ने अब अपने कार्यकर्ता और बूथ वर्कर्स को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने तय किया है कि हर बूथ पर कम से कम 10 पार्टी के विश्वस्त कार्यकर्ता की तैनाती हो।
इसके अलावा पार्टी के सभी सातों सांसदो ने अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी कैडर को सजग और सक्रिय करने की अलग-अलग रणनीति बनाई है। इसी कड़ी में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ऐलान किया है कि उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में जिन 100 बूथों पर भाजपा उम्मीदवार ज्यादा वोट से जीतेंगे, उन बूथों के कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री मोदी के साथ चाय पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
गौरलतब है लगभग 20 दिन चले चुनाव प्रचार में भाजपा ने परंपरागत तरीके से प्रचार किया। बड़ी-बड़ी सभाओं की जगह भाजपा ने नुक्कड़ सभाओं और रोड शो का आयोजन किया। सिर्फ पीएम मोदी की दो बड़ी सभाएं आयोजित की गई। ज्यादातर सभाएं शाम के समय या रात में आयोजित की गई। जनता को लुभाने के लिए नुक्कड़ नाटक, वीडियो मैसेजिंग के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चलाए गए।
प्रचार में बड़े पैमाने पर फिल्मी जगत से जुड़े लोगों को भी लगाया गया। दिल्ली के 70 विधान सभा क्षेत्रों में पार्टी की तरफ से तैनात लोकसभा सदस्यों को डोर-टू-डोर प्रचार की जिम्मेदारी दी गयी।
इसके अलावा अगले दो दिनों तक पार्टी के 240 सांसद दिल्ली में झुग्गी झोपड़ियो में रात्रि विश्राम करने की योजना पर अमल करते रहेंगे। पार्टी ने अपने कैडरों को साफ -साफ निर्देश दिया है कि चुनाव के दिन पार्टी के वोट बैंक को हर हालत में घर से निकाल कर पोलिंग बूथ तक पहुचाएं।
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार थमने से पहले भाजपा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा की ओर से पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा , यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के सीएम विजय रुपाणी, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई राज्यों के पूर्व सीएम, 50 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने चुनावी रैली की।