दिल्ली हाई कोर्ट ने दीपिका पादुकोण-अभिनीत ‘छपाक’ के निर्माताओं को निर्देश दिया कि फिल्म के लिए मुहैया कराई गई जानकारियों के लिए एसिड हमले की पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की वकील अपर्णा भट को श्रेय दें। यह फिल्म लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है।
अदालत ने निर्देश दिया कि फिल्म के लिए पीड़िता की तरफ से जो जानकारियां दी गईं उनका श्रेय उनकी वकील को दिया जाए। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि 15 जनवरी तक सिनेमाघरों में चल रही फिल्मों के स्लाइड में बदलाव किए जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अपर्णा को श्रेय दिए बिना 15 जनवरी से मल्टीप्लेकस में फिल्म पर रोक लगा दी जाएगी और लाइव स्ट्रीमिंग आदि में भी प्रदर्शन नहीं होगा, जबकि अन्य के लिए ये रोक 17 जनवरी से होगी।
अदालत ने फिल्म के निर्माता फॉक्स स्टार स्टूडियो की उस याचिका पर यह आदेश दिया, जिसमें एक निचली अदालत के गुरुवार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें अदालत ने निर्माताओं से अधिवक्ता अपर्णा भट के योगदान को मान्यता देने के लिए कहा था। फिल्म सिनेमाघरों में शुक्रवार को रिलीज हुई।
इसके अलावा याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अदालत ने निर्माताओं से पूछा कि उन्होंने वकील से मिले सहयोग और जानकारी के लिए उनको श्रेय क्यों नहीं दिया। अदालत ने पूछा कि वकील को श्रेय देने में क्या परेशानी है और निर्माता उनसे सहयोग लेने गए ही क्यों थे।
इसपर निर्देशक मेघना गुलजार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सोनी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ था और सहयोग या सूचनाएं प्राप्त करने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें श्रेय पाने का कानून हक मिल गया है।
स्टुडियो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश सुनाने से पहले उनकी दलीलें नहीं सुनी और अंतरिम आदेश सुना दिया, जोकि सामान्य नहीं है। भट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि उन्होंने लक्ष्मी के लिए शुरू से आखिर तक लड़ाई लड़ी और कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया। मेघना गुलजार उनके पास मदद और जानकारी पाने गई थीं।