दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को निर्वाचन आयोग को चुनावी बढ़त बनाने के उद्देश्य से धर्म के अनुचित प्रयोग पर ‘प्रतिबंध’ लगाने का निर्देश देने की मांग करने वाली भाजपा नेता की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। हाई कोर्ट ने आयोग से कहा कि वह भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय के अभिनेता से नेता बने कमल हासान के द्वारा हाल में की गई टिप्पणी के मामले में प्रतिनिधित्व पर निर्णय करे।
विदित हो कि हासन ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का उल्लेख करते हुये कहा था, “स्वतंत्र भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था।” यह याचिका उपाध्याय ने दाखिल की है और इसमें चुनावी लाभ के लिए धर्म के दुरूपयोग को लेकर दलों का पंजीकरण रद्द करने और प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है।