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दिल्‍ली-NCR वालों को SC से बड़ी राहत, DND फिलहाल रहेगा टोल टैक्‍स फ्री

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नई दिल्ली: दिल्ली को नोएडा को जोड़ने वाला डीएनडी ब्रिज फिलहाल टोल टैक्स से फ़्री रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को मिल रही राहत बरकरार रखी है। कोर्ट ने कंपनी को कहा कि इस मामले में इनकम टैक्स ने भी अर्जी दाखिल की है और टोल कंपनी उसकी अर्जी पर जवाब दाखिल करे। इनकम टैक्स ने कहा है कि कंपनी टैक्स नहीं दे रही है, जबकि उनके ऊपर टैक्स बकाया है. वहीं कंपनी ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद हम टोल वसूल नहीं कर पा रहे है। सुप्रीम कोर्ट अब 21 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई के दौरान कंपनी की तरफ से कहा गया था कि मामले की सुनवाई जल्द की जाए क्योंकि मामले के लंबित होने से कंपनी का हित प्रभावित हो रहा है। इस लिए मामले में जनवरी के आखिरी हफ्ते में सुनवाई की जाए। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने CAG रिपोर्ट टोल कंपनी समेत सभी पक्षकारों को देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हमें कोई कारण नहीं लगता कि ये रिपोर्ट सीलबंद ही रहे। टोल कंपनी की ओर मुकुल रोहतगी ने कहा कि कंपनी को रोजाना 50 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। DND टोल टैक्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टोल को रद्द कर दिया था और इसे लेकर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने CAG को कंपनी के खातों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। CAG ने जांच के बाद सीलबंद रिपोर्ट सौंप दी थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि CAG बताए कि टोल बनाने में कितना खर्च आया और कंपनी अब तक कितना टोल वसूल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने टोल वसूलने पर लगी रोक हटाने से भी इंकार कर दिया था।

कंपनी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था ये प्रोजेक्ट 1991-92 का है जब कंपनियां देश में आने को तैयार नहीं थीं। 1997 में MOU साइन हुआ। 2001 में ये शुरू हुआ। पिछले छह साल से कंपनी घाटे में चल रही है। शर्त के मुताबिक, 20 फीसदी सालाना इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न यानी IRR मिलना चाहिए।

कंपनी ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने अभी तक 1135 करोड़ रुपये खर्च किया है जबकि उनकी कमाई अभी तक 1103 करोड़ की हुई है। तब कोर्ट ने कहा 32 करोड़ रुपये बस आपके बकाया निकलते है। वहीं कोर्ट ने नोएडा ऑथोरिटी से पूछा था कि आप किसके साथ है कंपनी के साथ या हाई कोर्ट में जिन्होंने जनहित याचिका दाखिल की थी उनके साथ तब नोएडा ऑथोरिटी के तरफ से बताया गया कि अभी उनका कोई अधिकारी कोर्ट रूम में नहीं है। जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा आपके अधिकारी क्या मामले को लेकर गंभीर नहीं है। कोर्ट ने कंपनी से पूछा था कि अभी तक कितना पैसा आपका बकाया निकलता है। आप DND रोड की तारीफ तो ऐसे कर रहे है जैसे आपने चांद तक की सड़क बना दी हो।

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