राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने बुधवार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के लिए अलग से निधि जारी करने की मांग उठाई। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मामले को उठाते हुए सपा के सुखराम सिंह यादव ने कहा कि यह योजना सांसदों के लिए सम्मान का विषय बन गया है, क्योंकि उन्होंने इसके तहत गांव तो गोद ले लिए गए किंतु धन की कमी के कारण उनका विकास नहीं हो पा रहा है।
यादव ने बताया कि उन्होंने चार सालों में उत्तर प्रदेश के चार गांवों को गोद लिया लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इन गांवों में विकास का कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘गांव वाले परेशान करते हैं कि विकास नहीं हो रहा है और हम कहते हैं कि हमारे पास धन नहीं है। सांसदों के लिए यह समस्या पैदा हो गई है।’’
उन्होंने सभापति से इस मामले में निर्णय लेने या व्यवस्था देने का आग्रह किया ताकि जिन गांवों को गोद लिया गया है, उनका विकास हो सके। उन्होंने कहा कि तभी गांवों का विकास हो सकेगा और ‘‘हम लोगों’’ का मान सम्मान भी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए अलग से निधि जारी करने का नीतिगत निर्णय अविलंब हो।’’ ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी। गौरतलब है कि इस योजना के तहत सभी सांसदों को प्रत्येक वर्ष एक-एक गांव गोद लेकर उनका विकास करना था।