कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि सरकार को चीनी घुसपैठ एवं अतिक्रमण की शिनाख्त के लिए एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कई पूर्व सैन्य अधिकारियों के साझा बयान पर आधारित एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार को पूर्व सैन्य अधिकारियों की बात सुननी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में देश को सूचित किया जाए कि कोई और क्षेत्र चीन के कब्जे में नहीं है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘चीन की घुसपैठ और अतिक्रमण की शिनाख्त करने के लिए एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन की अनुमति दी जाए।’’ गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब आठ सप्ताह से कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। पिछले महीने गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया।
चीनी सेना ने पिछले पांच दिन में भारतीय सेना के साथ सहमतियों के अनुरूप, गतिरोध वाले तीन बिंदुओं से सैनिकों की वापसी कराई है। क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों ने पिछले कुछ सप्ताह में कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं की हैं।
बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे पहले राहुल ने लद्दाख में चीनी सेना के पीछे हटने और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से बातचीत को लेकर कुछ सवाल उठाए थे।