भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा में लोकतंत्र को तानाशाही बदल दिया गया जिसकी वजह से उन्हें इस पार्टी से अलग होना पड़ा। सिन्हा यह भी कहा कि वह उस कांग्रेस में शामिल हुए हैं जिसका देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ”देश का भविष्य” करार देते हुए कहा कि गांधी एक बहुआयामी और दूरदर्शी नेता के तौर पर सामने आए हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ”भाजपा में मेरी परवरिश हुई। धीरे धीरे मैं आगे बढ़ता गया। बाद में परिवर्तन शुरू हुआ, लेकिन वह परिवर्तन अच्छा नहीं था। धीरे धीरे भाजपा में लोकतंत्र तानाशाही में बदल गया।” उन्होंने कहा कि बड़े महारथियों को मार्गदर्शकमण्डल में डाल दिया जिसकी कोई बैठक नहीं हुई। यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन और अरुण शौरी के साथ क्या किया गया, सबको पता है।
लोकसभा चुनाव : कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा के शत्रुघ्न सिन्हा
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आज तक उनके ऊपर किसी तरह आरोप खासकर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। इसके बावजूद उनसे दूरी बनाई गई। नोटबन्दी और जीएसटी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”100 स्मार्ट सिटी का वादा किया लेकिन एक भी स्मार्ट नहीं दिखा सकते। मैंने देश हित की बात की थी। कभी राफेल या किसी दूसरे मामले में कमीशन नहीं मांगा। कोई डील नहीं की।”
उन्होंने दावा किया कि ‘वन मैन शो’ और ”टू मैन आर्मी” वालों के पैमाने पर जो खरा नहीं उतरा उसे किनारे लगा देते हैं। अब तो आडवाणी जी को भी ब्लॉग लिखना पड़ा। सिन्हा ने कहा, ”पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगा कि प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने की जगह अगर विकास पर ध्यान दिया होता बहुत कुछ हो जाता।” उन्होंने कहा, ” मैं राहुल जी से सहमत हूँ कि नोटबन्दी सबसे बड़ा घोटाला है।” सिन्हा ने यह भी कहा कि उन्हें लालू प्रसाद का भी सहयोग मिला। मैं उनका आभारी हूं।