प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आपातकाल को याद करते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है और 19 महीने के दौरान लोगों को लगा कि उनसे कुछ छीन लिया गया है। मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद अपने पहले ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में लोकतांत्रिक भावना के बारे में बात करते हुए कहा कि आपातकाल का सिर्फ राजनीतिक दलों और उसके नेताओं ने ही नहीं बल्कि आम जनता ने भी विरोध किया था।
उन्होंने कहा, “जब आपातकाल लागू किया गया था, तो इसका सिर्फ राजनीतिक दलों द्वारा विरोध नहीं किया गया था या यह महज जेल की सलाखों तक सीमित नहीं था। आम आदमी के दिल में गुस्सा था। लोकतंत्र के छिन जाने की लोगों में बेचैनी थी। हमें लोकतांत्रिक अधिकारों के महत्व का एहसास उस समय हुआ जब इसे हमसे छीन लिया गया।” मोदी ने कहा, “भारत गर्व से कह सकता है कि नियम और कानून से परे लोकतंत्र हमारी विरासत और संस्कृति है। आम आदमी ने आपातकाल की पीड़ा को महसूस किया था।”
2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बारे में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया का पैमाना हर भारतीय को गौरवान्वित करता है। उन्होंने कहा, “भारत ने बस अभी सबसे बड़ा चुनाव पूरा किया है। चुनाव का पैमाना बहुत बड़ा था। यह हमारे लोकतंत्र में लोगों के विश्वास के बारे में बताता है।” उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था।
मोदी ने कहा कि भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में विश्व के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है।
लोकसभा चुनाव के संदर्भ में मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी परिश्रम की पराकाष्ठा की। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के एक रिमोट इलाके में, महज एक महिला मतदाता के लिए मतदान केंद्र बनाया गया। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहाँ पहुँचने के लिए दो-दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी – यही तो लोकतंत्र का सच्चा सम्मान है।
मोदी ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र भी भारत में ही है और यह मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्फिति क्षेत्र में 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूँ ।” उन्होंने कहा, “मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है ।”
आपातकाल के अलावा, प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया क्योंकि देश के बड़े हिस्सों में सूखे की मार है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के कारण चार महीने के विराम के बाद मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के साथ लौटे। यह आखिरी बार फरवरी में प्रसारित किया गया था।