नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों ने रविवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2016 के इस कदम की एकमात्र ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण सफलता’’ भारत की अर्थव्यवस्था का ‘डूबना’ है। गांधी ने मीडिया की एक खबर के स्क्रीनशॉट को टैग किया, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि 500 रुपये के जाली नोट में 100 प्रतिशत और 2,000 रुपये के जाली नोट में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ये दोनों नोट 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोट पर प्रतिबंध लगाने के बाद जारी किए गए थे।
कांग्रेस ने नोटबंदी को लेकर कहा….
The only unfortunate success of Demonetisation was the TORPEDOING of India’s economy. pic.twitter.com/S9iQVtSYSx
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 29, 2022
कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘नोटबंदी की एकमात्र दुर्भाग्यपूर्ण सफलता भारत की अर्थव्यवस्था का डूबना है।’’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने भी आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधा। टीएमसी नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमस्कार। नोटबंदी याद है? आपने नोटबंदी पर क्या वादा किया था कि सभी जाली मुद्रा खत्म हो जाएगी। यहां आरबीआई की नयी रिपोर्ट है, जिसमें कहा गया है कि जाली नोट की संख्या बढ़ गई है।’’
नोटबंदी ने देश को डुबाया- राहुल गांधी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर मोदी नीत सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘‘नोटबंदी के फायदों में से एक को महसूस किया जा रहा है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन की समस्या खत्म करने और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के घोषित उद्देश्य के साथ आठ नवंबर, 2016 को 1,000 रुपये और 500 रुपये के पुराने नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी।