सिरसा:पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय की जांच के आदेश दे दिए जाने के बाद से ही अब लोगों में ये उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर डेरा सच्चा सौदा में ऐसा क्या निकलेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सिरसा डेरा सच्चा सौदा की जांच रिटायर्ड जज एके पवार के नेतृत्व में होगी और हरियाणा सरकार उन्हें खुद पूरी सुरक्षा मुहैया करवाकर इस काम को अंजाम देने का प्रयास करेगी।
हांलाकि डेरा सच्चा सौदा के सिरसा स्थित मुख्यालय को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं लोगों में चल रही है लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासंना इन्सां खुद इस बात को कह चुकी है कि डेरा सच्चा सौदा किसी भी तरह के सर्च आप्रेशन के लिए तैयार है और हम खुद पूरी कार्यवाही में आपका सहयोग करेगें।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार डेरा सच्चा सौदा में चलाए जाने वाले सर्च आप्रेशन की तारीख सरकार और प्रशासन द्वारा तय की जा चुकी है और संभवत: 7 सितम्बर को डेरा सच्चा सौदा में प्रशासन सर्च आप्रेशन करेगा जिसके लिए तैयारियां पहले से ही की जा रही है।सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के होने वाले सर्च आप्रेशन के मदेनजर ही प्रशासन ने डेरा की ओर जाने वाले रास्ते पर कफर्यू लगाया हुआ है और सुरक्षा कारणों के मदेनजर 25 कंपनियां अब भी सिरसा में खड़ी हुई है,जिनमें दो कपंनियां आर्मी की भी तैनात है।
सिरसा में हजारों की तादाद में अब भी दूसरे जिलो ंकी पुलिस तैनात की हुई है। डेराप्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा और उसके बाद मीडिया द्वारा किए जा रहे खुलासे के कारण अब आमजन में डेरा सच्चा सौदा में होने वाले सर्च आप्रेशन को लेकर उत्सुके नजर आ रहा है क्योकि करीब 100 एकड़ में फैला डेरा सच्चा सौदा किसी एक अलग शहर से कम नही बसा हुआ है। डेरा सच्चा सौदा की अपनी एक अलग मार्किट और अलग से शिक्षण संस्थान बने हुए है।
डेरा सच्चा सौदा के भविष्य को लेकर भी अब तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है क्योकि अब जब डेरामुखी खुद जेल के अंदर है तो आखिर डेरा के राजपाठ को चलाएगा कौन और डेरा के अंदर चले रहे शिक्षण संस्थानों और अन्य कारोबार का होगा क्या? दरअसल जब से डेरामुखी जेल गए है तबसे डेरा सच्चा सौदा की ओर आवाजाही पर रोक लगाते हुए प्रशासन ने कफर्यूू घोषित किया हुआ है जिसके चलते हुए डेरा के सभी शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए है। ऐसे में आखिर उन बच्चों को क्या होगा इसी बात की चिंता अब समाजसेवी संस्थाएं भी जताने लगी है।