ब्रिटेन में नए यात्रा नियमों के अनुसार पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के बावजूद भारतीयों को यहां राहत नहीं मिलेगी और उन्हें 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में जाना होगा। वहीं भारत ने ब्रिटेन के इस नए यात्रा प्रतिबंधों पर नाराजगी जाहिर की है। जिन्होंने कोवीशील्ड वैक्सीन लगाया है। बावजूद इसके यूके की सरकार ने उन्हें अपने देश आने पर क्वारंटीन करना जरूरी कर दिया है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय से मिली प्रतिक्रिया के मुताबिक कोवीशील्ड वैक्सीन की गैर-मान्यता एक भेदभावपूर्ण नीति है। इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह मुद्दा यूके के सामने उठाया है। विदेश मंत्रालय को यूके ने इस बात का आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
यूके में बनी वैक्सीन ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजनेका को जिन्होंने भी लगवाया है उन्हें ब्रिटेन में प्रवेश की मंजूरी मिल गई है। लेकिन इसके ठीक उलट यदि भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति ने यह वैक्सीन लगवाया है तो उसे यूके में आने के बाद क्वारंटीन होना होगा। इतना ही नहीं ब्रिटेन में दाखिल होने पर टेस्ट और 10 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना पड़ेगा। भारत समेत अफ्रीका, साउथ अफ्रीका, यूएई, तुर्की, जॉर्डन, थाईलैंड, रूस से अगर कोई यूके जा रहा है तो इन सबको unvaccinated माना जाएगा – यानी उन्हें 10 दिन होम क्वारंटीन और टेस्ट से गुजरना होगा।
WHO ने दिया आश्वासन
WHO ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजनेका वैक्सीन को मान्यता प्राप्त वैक्सीन की श्रेणी में रखा है। ऐसे में WHO ने कहा है कि उनसे मिली मान्यता वाली वैक्सीन को अलग-अलग देश भी मानें।
क्या है इसके पीछे की कहानी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूके के इस फैसले के पीछे की कहानी कुछ और है। यह मामला वैक्सीन के प्रभावी क्षमता कम होने से नहीं बल्कि वैक्सीन डिप्लोमेसी से जुड़ा है। भारत में 17 फरवरी से लागू ट्रैवल गाइडलाइन के मुताबिक यूके में टीका लिए लोगों के लिए भारत में दाखिल होने पर पहले 7 दिनों तक होम क्वारंटीन फिर 7 वें दिन टेस्टिंग–नेगेटिव होने पर होम क्वारंटीन खत्म हो जाएगा पर अगले 7 दिनों तक खुद के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करनी होगी।