देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज, शनिवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 63वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। जहां पर राजनाथ ने कई बड़ी बातें कही। राजनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पिछले छह दशकों से सीमा सड़क संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास का एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। 1960 में दो प्रोजेक्ट से बढ़कर अब ये 18 प्रोजेक्ट तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा आज बीआरओ मित्र राष्ट्रों में भी अपनी सेवाएं देकर उन्हें हमसे जोड़ने का काम कर रहा है।
मानव सभ्यता की यात्रा के लिए सड़कों काफी महत्वपूर्ण-राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा सीमा सड़क संगठन ने अटल सुरंग का निर्माण करके पूरी दुनिया को अपना इंजीनिरिंग कौशल दिखाया। उन्होंने कहा मानव सभ्यता की यात्रा के लिए सड़कों काफी महत्वपूर्ण होती हैं। बीआरओ अब तक 60,000 किमी सड़क, 850 पुल, 19 हवाई पट्टी और 4 सुरंगों का निर्माण कर चुका है। रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की सीमाओं की रक्षा करने वालों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राजनाथ ने की बीआरओ की सराहना
राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बीआरओ की सराहना करते हुए कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करना सरकार की व्यापक रक्षा रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास का उदाहरण देते हुए सिंह ने कहा कि यह अब देश के समग्र विकास के लिए “नया प्रवेश द्वार” बन गया है। उन्होंने कहा, शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार या खाद्य आपूर्ति, सेनाओं की सामरिक जरूरतें, उद्योग या सामाजिक-आर्थिक प्रगति के अन्य कार्य, सड़कों और पुलों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
रुस-यूक्रेन जंग से भारत को भी सीख लेनी की जरुरत-राजनाथ
ज्ञात हो कि इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को आगाह किया था कि रुस-यूक्रेन जंग से भारत को भी सीख लेनी की जरुरत है। सीख इस बात की कि इस तरह के युद्ध हमारे देश को मिलने वाली चुनौतियों के तौर पर भी सामने आ सकते हैं। राजनाथ दिल्ली में वायुसेना द्वारा आयोजित पीसी लाल मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हम हालिया के कॉन्फिलिक्ट यानि लड़ाईयों पर अपनी नजर डालें तो तो हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हो सकती है।