लुधियाना-अमृतसर : शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आज पंजाब के मांझा क्षेत्र में सिखी के प्रचार-प्रसार के लिए धर्म प्रचार लहर की शुरूआत की गई। गुरूद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में सुसज्जित गुरूमत्ती समागम को श्री अकाल तख्त साहिब के प्रमुख ज्ञानी गुरबचन सिंह , दरबार साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह और शिराोमणि क मेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर समेत अन्य पंथक और धार्मिक शख्सियतों ने भी संगत को संबोधित किया।
एसजीपीसी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि गुरूमत्ती की रोशनी में जीने की चाहत हमें अध्यात्मिक और सामाजिक तौर पर खुश रख सकती है। उन्होंने कहा वर्तमान समय में समाज के अंदर फैली बुराइयों से असंतुलन को दूर करने के लिए गुरूमती को अपनाया जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा शुरू की गई धर्म प्रचार लहर का उददेश्य संगत को गुरूमति के साथ जोडऩा है।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरूबचन सिंह जी ने अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि सिख धर्म वहमों और पखंडवाद का कोई भी स्थान नहीं है और सिख केवल एक अकाल का उपासक है परंतु दुख की बात है कि आज समाज में पाखंडवाद भारी हो चुका है, जिससे छुटकारा पाना समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज में बेवजह के कर्मकांड और वहमों के खातमे के लिए शिराोमणि कमेटी द्वारा किए जा रहे यत्न प्रशंसनीय है।
इससे पहले सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के प्रमुख ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व ग्रंथी जसवंत सिंह ने भी गुरूमती सिद्धांतों के साथ जोड़े रखने की जरूरत से संगत को अवगत कराया।
– सुनीलराय कामरेड