इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने घरेलू इस्पात क्षेत्र के लिये जापान से आधुनिक प्रौद्योगिकी और निवेश समर्थन मांगा है। प्रधान ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सु के साथ सार्थक बातचीत हुई।’’ उन्होंने दोनों पुराने लोकतांत्रिक देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की और घरेलू इस्पात क्षेत्र में जापानी प्रौद्योगिकी और निवेश पर जोर दिया।
जापान की इस्पात कंपनियों ने भारत में विनिर्माण गतिविधियों में निवेश में रूचि दिखायी है। इस लिहाज से यह बैठक महत्वपूर्ण है।
प्रधान ने कहा, ‘‘हमने दोनों देशों में स्थिर, कुशल और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य के लिये जापानी प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन के उपयोग पर चर्चा की। हमने द्विपक्षीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और हमारी अर्थव्यवस्थाओं के समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिये परंपरागत, गैर-परंपरागत और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के नये रास्ते तलाशने पर भी चर्चा की।’