पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद के स्तीफा देने के बाद से कांग्रेस में अफरा-तफरी का महौल पैदा हो गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आजाद पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने इस्तीफा की निंदा करते हुए कहा है कि आजाद पार्टी को एकजुट करने की बात करते हैं, लेकिन अब वो पार्टी तोड़कर चले गए। वहीं, कांग्रेस के अन्य नेता भी आजाद पर जमकर निशाना साध रहे हैं। वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस फैसले को पार्टी के साथ विश्वासघात करार दिया है।
अनुच्छेद 370 को लेकर कही यह बड़ी बात
अपने ट्विटर पर जारी एक वीडियो बयान में, उन्होंने कहा, “आप (आजाद) उन लोगों के साथ संबंध हो सकते हैं जिन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। हो सकता है कि आपने उन लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित किए हों। आपने लिखा था कि कांग्रेस को जोजो अभियान चलाने के बजाय भारत जोड़ो अभियान चला रहे हैं, वो भी तब जब आपने खुद कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी।
आजाद के इस्तीफे पर दिग्विजय ने जताया दुख
उन्होंने कहा, ”गुलाम नबी आजाद जी को कांग्रेस द्वारा संगठन और सरकार में कई पदों से नवाजा जा चुका है। 2 बार लोकसभा सांसद बने, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। उन्हें बचाने के बाद 5 बार राज्यसभा सदस्य बनाए गए। चुनावी हार और जीत, उसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी, मुझे इस बात का बहुत दुख है! उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के खिलाफ आजाद के आरोप निराधार हैं। मैं आजाद द्वारा दिए गए इस्तीफे और उनके द्वारा लिखे गए पत्र की कड़ी निंदा करता हूं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन ने जताई निराशा
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आजाद के इस्तीफे से निराश हूं। इस समय पार्टी छोड़ना भारत के संवैधानिक ताने-बाने और संविधान को नष्ट करने वाली फासीवादी ताकतों को मजबूत करना है। गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसमें शामिल हैं। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता, और आंतरिक चुनावों के नाम पर नेतृत्व पर पार्टी को बड़े पैमाने पर “धोखा” देने का आरोप लगाया।