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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में दिग्विजय सिंह की एंट्री, मुकाबला कड़ा होने की आशंका

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव मैदान में आने वाले उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हो रहा हैं, अब अध्यक्ष बनने की रेस में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम भी जुड़ गया हैं। बताया जा रहा हैं की दिग्विजय सिंह राहुल गांधी की यात्रा से दिल्ली लौटकर आने वाले हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव मैदान में आने वाले उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हो रहा हैं, अब अध्यक्ष बनने की रेस में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम भी जुड़ गया हैं।  बताया जा रहा हैं की दिग्विजय सिंह राहुल गांधी की यात्रा से दिल्ली लौटकर आने वाले हैं। कई दिन पूर्व उन्होनें कांग्रेस हाईकमान से भी मुलाकात की थी। दिल्ली आकर दिग्विजय सिंह नामांकन दाखिल कर सकते हैं।  अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत के बाद उनकी अध्यक्ष पद की दौड़ को लेकर विश्वसनियता कम हो गई हैं।  जिसके बाद पार्टी में कई नेताओं ने नामाकंन पत्र खरीदे हैं।  शशि थरूर अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने का पहले ही एलान कर रखा हैं। दो दिन पूर्व पवन बंसल ने भी कांग्रेंस चुनाव कार्यालय से नामाकंन पत्र खरीदा था। जिसके बाद उनके नाम की अटकलें तेज हो गई थी।  
पूर्व बागी थरूर को अपनी जीत पर कितना भरोसा !  
शशि थरूर पार्टी के पूर्व बागी गुट के सक्रिय सदस्य रहे हैं , यह बागी गुट पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर मुखर रहा था। लेकिन शशि थरूर को पहला झटका उनके राज्य केरल में लगा हैं , जंहा सांसदो ने अध्यक्ष चुनाव में समर्थन करने के लिए मना कर दिया हैं। शशि थरूर के पास पार्टी में बचे बागी गुट के सदस्यों का समर्थन हासिल हैं । बागी सदस्य पूर्ण रूप से थरूर के समर्थन में आ रहे हैं। पंजाब सांसद मनीष तिवारी ने भी थरूर को समर्थन करने का भरोसा दिया हैं। जिसके बाद से ही अशोक गहलोत व शशि थरूर में मुकाबला कड़ा होने की आंशका बढ़ गई थी। लेकिन अब इन दोनों उम्मीदवारों को कई अलग उम्मीदवारों से चुनौती मिलेगी ।
राजस्थान सियासी संघर्ष के बाद बदली अशोक गहलोत के लिए परिस्थिति
अशोक गहलोत की दिल्ली जाने की खबरों को लेकर राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर दोनों गुटों में संघर्ष उतपन्न हो गया था । गहलोत गुट के विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने को लेकर राजी नहीं थे । पायलट को कुर्सी सौंपने के खिलाफ विधायकों ने इस्तीफे देने तक की आलाकमान को धमकी दे दी थी । गहलोत गुट के 82 विधायक सीधे स्पीकर के पास इस्तीफा पत्र लेकर पहुंच गए थे । इस घटे सियासी घटनाक्रम में गहलोत की भूमिका सवाल खड़े किए जाने लगे। कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत की विश्वनियता सवाल खड़े करने लगे, इसके बाद ही अशोक गहलोत के लिए पार्टी में पहले जैसी स्थिति नहीं रही हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया हैं की अशोक गहलोत राजस्थान छोड़कर पार्टी अध्यक्ष के लिए नामांकन करेंगे भी नहीं । 
 

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