एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष बनने के करीब आ गए हैं, अन्यथा इससे पहले वह अध्यक्ष पद की अपनी उम्मीदवारी को लेकर हां नां में ही जवाब दे रहे थे। इनसे पहले राजस्थान सीएम अशोक गहलोत की सबसे प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी, लेकिन राजस्थान के सियासी संघर्ष में अशोक गहलोत की भूमिका को लेकर उनकी अध्यक्ष बनने की दौड़ में विश्वनियता खत्म हो गई हैं। दिग्विजय सिंह ने आज कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव समिति से नामांकन पत्र भी खरीद लिया हैं। कल ही दिग्विजय सिंह अपने सियासी लावलश्कर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
अशोक गहलोत व शशि थरूर में माना जा रहा था मुकाबला
कांग्रेस में अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर अशोक गहलोत को सबसे विश्वस्त उम्मीदवार माना जा रहा था, गहलोत के समर्थन में कई कांग्रेसी दिग्गज भी थे , राजस्थान के सियासी संघर्ष से पहले परोक्ष रूप से गहलोत को गांधी परिवार से भी समर्थन हासिल था। लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने अध्यक्ष चुनाव को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी हैं , अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से राजस्थान के सियासी सघंर्ष के पर माफी मांगी हैं , व अध्यक्ष बनने से इंकार कर दिया हैं। अन्यथा शशि थरूर व अशोक गहलोत में कांटे का मुकाबला बताया जा रहा था।
गांधी परिवार के विश्वस्त हैं दिग्विजय सिंह
कांग्रेस हाईकमान ने पहले ही प्लान बी की तैयारी कर रखी थी। इसके चलते अशोक गहलोत की ना के चलते कांग्रेस के नेताओं ने दिग्विजय सिंह को राहुल गांधी की रैली से बुलाकर अध्यक्ष बनने के लिए कहा, दिग्विजय संगठन में पहले भी कई पदों पर रहकर काम कर चुके हैं , उन्हें सीएम से केंद्र की राजनीति तक का अच्छा खासा अनुभव हैं।