कल तक 'दबदबा' का दावा कर खुशियां मनाने वाले बृजभूषण समर्थकों की आवाज तीसरे दिन दब गई। केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ की नई कमेटी के निलंबन की खबर रविवार को जिलेभर में आग की तरह फैल गई। जिससे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खेमे में एक बार फिर मायूसी छा गई। आननफानन 'दबदबा तो है, दबदबा रहेगा…ये भगवान की देन है' श्लोगन लिखे पोस्टर और होर्डिंग उतारे जाने लगे। ये वही पोस्टर हैं जिनका प्रदर्शन सांसद के विधायक बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह ने भी खुलेआम किया था। गाड़ियों से भी 'दबदबा' वाले स्टीकर हटा दिए गए। इससे इतर विपक्षी दलों के पदाधिकारियों ने भाजपा सांसद को अहंकार न करने की नसीहत देते हुए इसे सत्य की जीत बताया। खेल मंत्रालय के फैसले से सांसद समर्थक हैरान हैं, जबकि कुश्ती महासंघ का विवाद एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह बबलू की दो दिन पूर्व एकतरफा जीत हुई थी। परिणाम आने के बाद दिल्ली से लेकर गोंडा तक उनके अतिउत्साहित समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह मिठाई बांटकर खुशियां मनाई। दिल्ली से उनका काफिला चला और लखनऊ व अयोध्या के बाद गोंडा पहुंचा।
शनिवार को नवाबगंज के नंदिनीनगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रहे सांसद खेल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने दावा कि कुश्ती की बेहतरी के लिए खजाना खोल दिया जाएगा। पहलवानों के विवाद से कोई लेना-देना नहीं और न ही मैं डमी कैंडीडेट हूं।
आगामी 28 दिसंबर से नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के आगाज का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि नंदिनीनगर स्पोटर्स स्टेडियम में तीन दिवसीय चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। नए अध्यक्ष फीता काटकर चैंपियनशिप का शुभारंभ करने का सपना देख ही रहे थे तब तक खेल मंत्रालय का फैसला आ गया। जिससे दबदबा का दावा कर बुलंद करने वाली हर आवाज खामोश हो गई। इधर, विश्नोहरपुर से लेकर अयोध्या और देवीपाटन मंडल में उनके समर्थक पटाखे फोड़कर खुशियां जाहिर कर ही रहे थे कि अचानक रविवार की सुबह केंद्रीय खेल मंत्रालय का फैसला उनके लिए शॉकिंग साबित हुआ।
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों की ओर से यौनशोषण का आरोप लगने के बाद से नवाबगंज के नंदिनीनगर स्थित अखाड़े में 11 महीने से कुश्ती प्रतियोगिता ठप पड़ी है। स्पोर्ट्स स्टेडियम में में रहकर कुश्ती की तैयारी कर रहे पहलवानों का भी मनोबल टूटने लगा था। नए अध्यक्ष के एलान के बाद पहलवानों में खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन खेल मंत्रालय के फैसले से सियासत के पहलवान का अखाड़ा फिर सूना हो गया।
भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप ने कहा कि खेल मंत्रालय की ओर से आया निर्णय सभी को स्वीकार करना चाहिए। मंत्रालय ने सोच समझकर फैसला दिया है। पहले न्यायालय के आदेश पर चुनाव बहाल हुआ अब मंत्रालय को कुछ खामियां नजर आई होंगी तभी नई कमेटी को निलंबित किया गया।
वरिष्ठ सपा नेता सूरज सिंह का कहना है कि खेल मंत्रालय का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन मंत्रालय को महिला पहलवानों का दर्द बहुत पहले समझ लेना चाहिए। यहां किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि अहंकार की हार हुई है और लंबे समय से संघर्ष कर रही देश की बेटी महिला पहलवानों को राहत मिली है। मेडल लाने वालों का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्र का कहना है कि खेल मंत्रालय का जो फैसला आया है, स्वागत योग्य है। देर से ही सही लेकिन सरकार ने महिला पहलवानों का दर्द समझा। हर व्यक्ति को अहंकार में इतना नहीं बढ़ जाना चाहिए कि वह देश की आन बान शान को रौंदने का प्रयास करे
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