लोकसभा में पेश हुआ आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024, विपक्ष ने किया विरोध

लोकसभा में पेश हुआ आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024, विपक्ष ने किया विरोध
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आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 : आपदा प्रबंधन विधेयक 2005 में अहम बदलाव लाने वाले आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 को केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में पेश कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 को पेश किया। बिल को सदन में पेश करने के दौरान केंद्र सरकार के अधिकार और इस विधेयक की संवैधानिकता को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

Highlight : 

  • आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 हुआ पेश
  • बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच हुई तीखी बहस 
  • आपदा का प्रबंधन राज्य का उत्तरदायित्व होता है 

विधेयक को ध्वनिमत से सदन में किया पेश

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल को पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के मुताबिक सही नहीं है और राज्य सरकार के अधिकार में हस्तक्षेप करता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के समय सबसे पहले स्थानीय प्रशासन ही मदद के लिए आगे आता है। उन्होंने इसे लेकर केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का भी मुद्दा उठाया। वहीं टीएमसी सांसद सौगत राय ने भी इस विधेयक को पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि ज्यादा प्राधिकरण की स्थापना करने से कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा होगी और इसके कारण प्राकृतिक आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य भी प्रभावित होंगे।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों सांसदों के विरोध को किया खारिज

बता दें कि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कटाक्ष किया कि यह अच्छा है कि सरकार ने इस बिल को कोई हिंदी नाम नहीं दिया है जैसा कि वो सभी बिल को देते हैं। वे बंगाली हैं और हिंदी नहीं समझते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों सांसदों के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि 2005 का आपदा प्रबंधन विधेयक 19 वर्षों से संवैधानिकता की कसौटी पर खरा उतरा है। आपदा का प्रबंधन राज्य का उत्तरदायित्व होता है और इसमें कहीं भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

2005 का आपदा प्रबंधन विधेयक 19 वर्षों से संवैधानिकता की कसौटी पर खरा उतरा- राय

राय ने कहा कि आपदा का प्रबंधन और ज्यादा ठीक तरीके से हो, इसी उद्देश्य के लिए यह संशोधन विधेयक लाया गया है। जब इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी तो सरकार की तरफ से सभी शंकाओं का समाधान किया जाएगा, सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा और विपक्ष की तरफ से आने वाले उचित सुझावों पर विचार भी किया जाएगा। इसके बाद ध्वनिमत से सदन की मंजूरी मिलने के बाद विधेयक को सदन में पेश कर दिया गया।

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