भोपाल लोकसभा सीट से हाल में ही बीजेपी से उम्मीदवार बनाई गई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बाबरी मस्जिद पर विवादस्पद बयान दिया है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘ढांचा गिराने का अफसोस क्यों होगा, उस पर तो हम गर्व करते हैं। राम के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उन्हें हमने हटा दिया। इससे हमारे देश का स्वाभिमान जागा है और हम भव्य राम मंदिर मनाएंगे’।
साध्वी प्रज्ञा ने खुद ये दावा किया है कि वो बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने में शामिल थीं। लेकिन पिछले पांच साल राम मंदिर निर्माण न होने पर साध्वी ने कहा, समय देखो 70 साल हो गए, उन्होंने क्या हाल किया और हमारे देवस्थान भी सुरक्षित नहीं हो पाए। हिंदुओं ने इकट्ठे होकर स्वाभिमान को जागृत किया है ढांचा तोड़कर और भव्य मंदिर बना करके आराधना करेंगे’।
साध्वी ने कहा कि राम मंदिर हमारे लिए राजनीतिक विषय नहीं है। उन्होंने कहा इस देश में राम मंदिर नहीं बनेगा तो कहां बनेगा। गौरतलब है की इससे पहले साध्वी प्रज्ञा ने 26/11 मुंबई हमले के दौरान मुंबई के तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर आपत्तिजनक बयान दिया था। जिसके बाद राजनीति में खलबली मच गई थी। विवाद बढ़ता देख साध्वी ने अपना बयान वापस लिया। साध्वी प्रज्ञा को टिकट मिलने के बाद से ही कई विवाद सामने आ गए हैं।
भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया नोटिस
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर संज्ञान लेते हुए भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने साध्वी प्रज्ञा को नोटिस जारी किया और एक दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा।
जानकारी के लिए बता दें की मालेगांव विस्फोट मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रज्ञा और अन्य को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि वे एक हिंदू चरमपंथी संगठन का हिस्सा थे, जिसने इस विस्फोट को अंजाम दिया था।
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हालांकि, एनआईए ने बाद में प्रज्ञा को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें आरोप मुक्त नहीं किया था। कोर्ट ने प्रज्ञा के खिलाफ मकोका के तहत आरोप हटा दिए लेकिन वह अब भी गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रही हैं।