जम्मू कश्मीर के नए शारदा यात्रा मंदिर में दिवाली की धूम

गुरुवार को कश्मीर के एलओसी टीटवाल में नवनिर्मित शारदा यात्रा मंदिर में दिवाली की खुशियां मनाई गईं।
जम्मू कश्मीर के नए शारदा यात्रा मंदिर में दिवाली की धूम
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जानिये कैसे मनाई गई शारदा मंदिर में दिवाली ?

जम्मू कश्मीर के नए बनें शारदा यात्रा मंदिर में दिवाली के दिन धूम धाम से उत्सव मनाया गया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों, स्थानीय लोगों के साथ-साथ सेना के जवानों ने दिवाली मनाई और तेल के दीये और मोमबत्तियां जलाईं और मिठाइयां बांटी। निर्माण समिति के सदस्य एजाज खान के नेतृत्व में यह अयोध्या में दिवाली की तरह ही ऐतिहासिक था।

मंदिर का पुनर्निर्माण कब और किसने कराया ?

एक बयान में, रविंदर पंडिता ने दुनिया भर के सभी शारदा अनुयायियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। पिछले साल मंदिर और सिख गुरुद्वारा को पुनः प्राप्त करने के बाद शारदा बचाओ समिति ने इसके पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया था । 1947 में आदिवासी हमलों से पहले, एक धर्मशाला और एक सिख गुरुद्वारा उसी भूखंड पर मौजूद था, जिसे हमलों में जला दिया गया था। इसी तरह, समिति शारदा मंदिर और सिख गुरुद्वारा का पुनर्निर्माण कर रही है, जिसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

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जानिये भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में दिवाली कैसे मनाई ?

इस बीच, भारतीय सेना की रोमियो फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन ने जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के तापा पीर और मन्याल गांव के डीकेजी देहरा की गली में स्थानीय लोगों के साथ दिवाली मनाई। रोमियो फोर्स आरआर बटालियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित ग्रामीणों की व्यापक भागीदारी देखी गई। सैनिकों ने ग्रामीणों को मिठाइयाँ बाँटी, उत्सव की भावना को साझा किया और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की, जिससे बंधन और विश्वास बढ़ा। दिवाली के अवसर पर, गाँव में सौर लाइटें लगाई गईं, जिससे घर और सड़कें रोशन हो गईं। जैसा की आप जानते है , पूरे राष्ट्र ने 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई, जिसका उत्सव धनतेरस से शुरू हुआ। 'रोशनी के त्योहार' के रूप में जाना जाने वाला दिवाली अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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