सरकार ने स्पष्ट किया है कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके आचरण का नियमन करने संबंधी कानून का मसौदा लाने की कोई योजना नहीं है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सरकार के समक्ष इस तरह की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। प्रसाद ने यह भी बताया कि न्यायाधीशों के नियुक्ति के लिये कॉलेजियम द्वारा सुझाये गये नामों के बारे में कोई विवाद नहीं है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पूछा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके आचरण को जनहित में कानून के द्वारा विनियमित करने की अनुमति देने का क्या कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। इसके जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है और ना ही इस तरह की कोई संसदीय पहल की गयी है।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर व्यापक विमर्श की जरूरत है और इस पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारियों से मंजूरी की भी जरूरत होगी।