वोट डालना सभी का अधिकार है क्योंकि हमारे मौलिक अधिकार ही यही कहते हैं की हर व्यक्ति के पास मताधिकार है। यहां तक की जो व्यक्ति चुनाव लड़ता है वो भी चुनाव लड़ने के साथ-साथ वोट डालता हैं। वोट डालने की एक आधिकारिक उम्र 18 वर्ष है जब एक व्यक्ति 18 वर्ष का हो जाता है तो वह व्यक्ति वोट डाल सकता है। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है की क्या जेल में बंद कैदी भी वोट डालते हैं या फिर नहीं ? क्या आपने सोचा है की मताधिकार कैदियों को ऊपर लागू होता है या नहीं ? अगर आप भी इन सवालों को लेकर उलझे हुए हैं तो आज हम आपको सारी उलझन दूर करने वाले हैं और बताएँगे की क्या कैदी वोट डाल सकते हैं या फिर नहीं ?
देश में कई सालों से चुनावी प्रक्रिया चलती आ रही है। जहां हर व्यक्ति वोट डाल कर अपने शासक को चुनता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी जुर्म में जेल के अंदर बंद हो जाता है तो उससे कई अधिकारों को छीन लिया जाता है , जहां न उसे किसी से मिलने की इजाज़त होती है और न ही अपने मन की करने की। लेकिन इन अधिकारों में मत देने का अधिकार भी शामिल है जिसके ऊपर कैदी अमल नहीं कर सकते हैं। जी हाँ भारत के अंदर जेल में बंद कैदियों को वोट डालने का अधिकार नहीं है , बल्कि उनके इस अधिकार पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है।
जब कोई व्यक्ति किसी जुर्म में पकड़ा जाता है तो न उसके पास चुनाव लड़ने का अधिकार होता है और न ही वोट डालने का। आपको बता दें की जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 62(5) के अनुसार ऐसा कोई भी व्यक्ति जो कानून की हिरासत में है या फिर किसी अपराध के कारण जेल की सजा काट रहा है, तब वह व्यक्ति वोट नहीं दे सकता है। हालांकि सामान्य जनता के साथ-साथ वोट सिर्फ वही दे सकते हैं, जो की पुलिस हिरासत में हैं। इस कमेटी का गठन कई लोगों द्वारा सुझाव मिलने के बाद किया ही गया हैं।
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