डॉ. हर्षवर्धन ने निमोनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल जारी की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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डॉ. हर्षवर्धन ने निमोनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल जारी की

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने सोमवार को निमोनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल जारी करते हुए कहा कि इससे बड़ संख्या में बच्चों को मौत से बचाया जा सकेगा और इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने सोमवार को निमोनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल जारी करते हुए कहा कि इससे बड़ संख्या में बच्चों को मौत से बचाया जा सकेगा और इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा। निमोनिया का यह टीका पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मिलिंडा गेटस फाउंडेशन के साथ मिलकर विकसित किया है। इस अवसर पर सीरम इंस्टिट्यूट के डॉक्टर सायरस पूनावाला और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव मनोहर अगनानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 
केन्द्रीय मंत्री ने वैक्सीन जारी करते हुए कहा,‘‘ मैं सौभाज्ञशाली हूं कि बच्चों की जीवन रक्षा में साधक वैक्सीन को जारी करने का साक्षी बना हूं। इसे न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन के नाम से भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और बिल एंड मिलिंडा गेटस फाउंडेशन ने मिलकर विकसित किया है।सीरम इंस्टिट्यूट ने इस वैक्सीन को सात से आठ वर्ष के कम समय में विकसित किया है। उन्होंने कहा कि निमोनिया से बड़ संख्या में बच्चों की मृत्यु होती है। भारत में 20 प्रतिशत बच्चे निमोनिया के दुष्प्रभाव में फंस जाते हैं। आज से पहले निमोनिया के खिलाफ कोई स्वदेशी वैक्सीन नहीं थी। गावी वैक्सीन अलायंस के सहयोग से वैक्सीन प्राप्त करके निमोनिया से बचाव किया जाता था। एक अनुमान के अनुसार भारत में 68,000 बच्चे निमोनिया के शिकार होते हैं। 
डॉ हर्षवर्धन ने कहा,‘‘ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे प्री-क्वालिफाई किया है और यूनिसेफ के माध्यम से यह नया वैक्सीन दुनिया के बच्चों को मिल सकेगा। भारत में इस नये वैक्सीन का इस्तेमाल बच्चों की जीवन रक्षा के लिए राष्ट्रीय यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा,‘‘ अब सीरम इंस्टिट्यूट और पूरे देश को कोविड के खिलाफ वैक्सीन का इंतजार है। इसे मैं भारत के वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण उपलब्धता मानता हूं। भारत के वैज्ञानिक विषम से विषम परिस्थिति में उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। भारत के पास वायरस और बीमारियों से लड़ने के लिए क्षमता और योज्ञता की कोई कमी नहीं है। 
भारत ने कोविड काल में बहुत कम समय में स्वदेशी पीपीई किट, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर बनाकर न केवल अपनी जरूरतें पूरी की हैं, बल्कि इनका निर्यात भी किया जा रहा है। ’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे भारत की हर चुनौती से सामना करने का साहस और इच्छा शक्ति प्रदर्शित होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी आत्म निर्भर भारत और आत्म निर्भर स्वस्थ भारत पर जोर दे रहे हैं। हम सब इस दिशा में काम कर रहे हैं। आज बच्चों के बचाव और निमोनिया के खिलाफ वैक्सीन जारी करना देश के लिए गर्व का क्षण है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल भारत में बड़ पैमाने पर किया जाएगा, ताकि देश के बच्चों यानी भविष्य का जीवन बचाया जा सके।

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