भारत अपनी मजबूत विनिर्माण क्षमताओं, कुशल श्रमिकों और अत्याधुनिक तकनीक पर भरोसा करके अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेले को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग से दुनिया में समृद्धि लाई जा सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित स्थान बनाने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं।
स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने जा रही है- मुर्मू
मुर्मू ने कहा, ‘‘भारत अपनी उत्कृष्ट विनिर्माण क्षमता, उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा और अत्याधुनिक उन्नत प्रौद्योगिकी के बल पर अपने वैश्विक जुड़ाव का विस्तार करने के मिशन पर है।’’ उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने जा रही है। इसी तरह औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स विनिर्माण को आश्चर्यजनक रूप से बदल देंगे। यह बदलाव ऐसा होगा, जिसके बारे में एक दशक पहले सोचा नहीं जा सकता था। मुर्मू ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में प्राथमिकता बना रहेगा।
भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ जुड़ने की महत्वपूर्ण क्षमता है- मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के दिनों में अपनाई गई नीतियों ने अभूतपूर्व समावेशी वृद्धि को बढ़ावा दिया है। मुर्मू ने कहा कि अर्थव्यवस्था के तेजी से डिजिटल होने और सामाजिक स्तर पर इसकी स्वीकृति ने एक नयी क्षमता को जन्म दिया है, जिससे उच्च वृद्धि के रास्ते खुले हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ जुड़ने की महत्वपूर्ण क्षमता है। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में 16-18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेला का आयोजन किया जा रहा है।