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कोरोना संकट के बीच EC का ऐलान, जानें कितने चरणों में पूरे होंगे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।

कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। उत्तर प्रदेश  में सात चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होगा। पंजाब , उत्तराखंड और गोवा  में एक चरण में चुनाव करवाया जाएगा, इसके लिए 14 फरवरी को वोटिंग होगी। वहीं, मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होंगे। पांच राज्यों में सात मार्च को वोटिंग खत्म हो जाएगी और 10 मार्च को मतगणना की जाएगी। 2017 में आयोग ने 4 जनवरी को विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था लेकिन इस बार 4 दिन की देरी से यानी 8 जनवरी को वोटिंग की नई तारीख घोषित की जा रही है।चुनावों के दौरान सख्त प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा। जीत के बाद विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को मतगणना
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को पांचों राज्‍यों में मतगणना होगी।
10 फरवरी को यूपी से शुरुआत
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान के साथ ही विधानसभा चुनावों की शुरुआत होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की वोटिंग होगी। इसी दिन पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को तीसरे और 23 फरवरी को चौथे चरण के मतदान होंगे। 27 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। इसी दिन मणिपुर के पहले चरण का मतदान होगा। तीन मार्च को उत्तर प्रदेश में छठे चरण और मणिपुर के दूसरे चरण के मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश के 7वें और अंतिम चरण के मतदान सात मार्च को होगा।
सोशल मीडिया पोस्टों पर भी रहेगी नजर
मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त सुशील चंद्रा ने कहा कि यूपी में 10 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जबकि 21 जनवरी नामांकन की लास्‍ट डेट रखी गई है। निर्वाचन आयुक्‍त ने यह भी कहा कि इस बार सोशल मीडिया पोस्टों पर भी कड़ी नजर रहेगी। नफरत वाले भाषणों यानी हेट स्पीच को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विजय जुलूस की भी इजाजत नहीं
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- डोर-टु-डोर कैंपेन में भी अधिकतम पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसमें शामिल होने वाले लोगों के लिए कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था राजनीतिक दल ही करेंगे। मतगणना के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी…
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस की इजाजत नहीं
कोरोना की चुनौतियों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जाएगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
राजनीतिक दलों के लिए दिशा-निर्देश
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्‍मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्‍मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी।
पारदर्शी चुनाव के लिए डिजिटल तकनीक की मदद
मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने कहा कि वोटरों को एक छोटी सी मतदाताओं को गाइड मुहैया कराई जाएगी। स्वतंत्र, निष्‍पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए डिजिटल तकनीक अपनाई गई है। इस बार सी-विजिल एप पर किसी भी तरह के चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दी जा सकेगी। यही नहीं दिव्‍यांगों के लिए हर बूथ पर व्हील चेयर की भी व्‍यवस्‍था की जाएगी।
900 पर्यवेक्षक रखेंगे नजर, संवेदनशील बूथों की वीडि‍योग्राफी
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि धन बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को लेकर हर बार की तरह इस बार भी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी। इस बार कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि जरूरी हुआ तो स्पेशल आब्जर्वर भी तैनात होंगे। संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडि‍योग्राफी कराई जाएगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्‍टेशनों का लाइव वेबकास्ट किया जाएगा।
अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार आयोग पर्याप्त संख्या में वीवीपैट की व्यवस्था करेगा। उम्मीदवारों को आनलाइन नामांकन का भी विकल्प मिलेगा। पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित की गई है। दिव्यांगों और 80 साल से ज्‍यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ कोविड संक्रमितों को घर से मतदात करने की सुविधा मिलेगी।
चुनाव अधिकारियों को लगेगी प्रीकोशनरी डोज
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सभी चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना। उन्‍होंने कहा कि सभी पात्र अधिकारियों को प्रीकोशनरी डोज लगाई जाएगी। कम वोटिंग प्रतिशत वाले पोलिंग बूथ पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें।
16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार 16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं। चुनाव कोविड प्रोटोकाल के साथ कराए जाएंगे। पोलिंग बूथ पर कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि सर्विस मतदाता को​ मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्‍टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी।
तीन लक्ष्यों पर काम, एक घंटे समय बढ़ाया
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार पांचों राज्यों में वोटिंग के लिए अतिरिक्त एक घंटे का समय बढ़ाया गया है।आयोग ने तीन लक्ष्यों पर काम किया है। ये टारगेट हैं आसान और कोविड सेफ चुनाव के साथ साथ मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा से ज्‍यादा भागीदारी। कोरोना काल में पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों कोविड सेफ चुनाव कराना बेहद चुनौती भरा काम है। इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे!

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