विधानसभा चुनावों वाले राज्यों में बड़ी रैलियों पर रोक 22 जनवरी तक जारी रहेगी। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला किया है। आज चुनाव आयोग ने एक मीटिंग के बाद रैलियों पर रोक को लेकर चर्चा के बाद इस फैसले पर मुहर लगा दी। बैठक में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों और मौजूदा स्थिति को लेकर मंथन चला।
बता दें कि कोरोना महामारी को देखते हुआ चुनाव आयोग ने यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में सार्वजनिक रैली, रोड शो और बाइक रैली समेत अन्य चीजों पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता के 50% के साथ इनडोर बैठकें करने की अनुमति दे दी
इसके अलावा चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के प्रावधानों और COVID के व्यापक दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। ECI ने राज्य/जिला प्रशासन को MCC और COVID से संबंधित सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आयोग ने लगाए थे ये प्रतिबंध
इससे पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त आयोग ने महामारी को देखते हुए 15 जनवरी तक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी थी। आयोग ने इन राज्यों में कैंपेन को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें नुक्कड़ सभाओं पर भी बैन लगाया गया था। डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए लोगों की संख्या 5 निश्चित की गई थी। इतना नहीं वोटों की गिनती के बाद विजय जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।
8 जनवरी को चुनाव प्रचार के लिए 16 सूत्रीय गाइडलाइन भी जारी की थी
आयोग ने 8 जनवरी को चुनाव प्रचार के लिए 16 सूत्रीय गाइडलाइन भी जारी की थी। इसमें सार्वजनिक रोड और गोल चक्कर पर नुक्कड़ सभा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। साथ ही घर-घर जाकर प्रचार अभियान के लिए लोगों की संख्या को प्रत्याशी समेत पांच तक सीमित कर दिया गया था। मतगणना के बाद विजय जुलूसों पर रोक लगाई गई थी। चुनाव आयोग ने प्रसार भारती की सलाह के साथ हर राजनीतिक पार्टी और 5 राज्यों की मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी के लिये प्रसारण समय को दोगुना करने का फैसला पहले ही ले लिया है।