प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (धन शोधन) मामले में असम राइफल्स के एक अधिकारी राजदेव सिंह यादव की 2.22 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। अस्थायी रूप से की गई यह कुर्की आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई है।
एफड़ी के रूप में थी कुर्क की गयी संपति
ईडी के एक अधिकारी के अनुसार, राजदेव सिंह को 2 आईसी (सेकेंड कमांड), प्रशिक्षण बटालियन, असम राइफल्स प्रशिक्षण केंद्र, दीमापुर, नागालैंड में तैनात किया गया था। ईडी के अधिकारी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्ति 2.22 करोड़ रुपये की एफडी के रूप में है।
इससे पहले अगस्त 2019 में सीबीआई, एसीबी, शिलांग ने गहन जांच करने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था और 30 मार्च, 2021 को आईपीसी की धारा 13 (2), 13 (1)(ई) के साथ पठित धारा 13 (2) के तहत आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया था। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी और चार्जशीट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
ईडी को अपनी जांच में पता चला कि राजदेव सिंह यादव ने अपने बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा की और बड़ी संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।एक अधिकारी ने बताया की राजदेव सिंह यादव इससे पहले असम राइफल्स के मुख्यालय में डीडीओ के स्टाफ अफसर जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात थे। इस डिवीजन के पास असम राइफल्स के स्थापना आहरण संवितरण जैसा महत्वपूर्ण कार्य था।
शिलांग में डीडीओ पावर पर कार्यरत के दौरान किया पैसा जमा
उन्हें 2012 और 2019 के बीच मुख्यालय, असम राइफल्स, शिलांग में डीडीओ पावर के साथ स्टाफ ऑफिसर-2 के रूप में तैनात किया गया था। यही वह समय था, जब उन्होंने बड़ी मात्रा में पैसा जमा किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बहुत सारा पैसा मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जमा किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।