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अमानतुल्लाह खान : आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने सोमवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के ओखला स्थित उनके घर पहुंचे हैं। एक्स पर एक पोस्ट में खान ने कहा, 'ईडी के लोग मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे घर पहुंचे हैं।' आप विधायक ने खुद बनाए गए एक वीडियो में कहा कि जांच एजेंसी पिछले दो सालों से उन्हें लगातार परेशान कर रही है। उन्होंने कहा, उनका एकमात्र उद्देश्य हमारी पार्टी को तोड़ना है। हम झुकने वाले नहीं हैं और हम टूटने वाले नहीं हैं।
Highlight :
अमानतुल्लाह खान के घर पहुंची ईडी की टीम
खान ने कहा, सुबह के सात बजे हैं और ईडी मुझे सर्च वारंट के नाम पर गिरफ्तार करने आई है। मेरी सास को कैंसर है और वह इस समय मेरे घर पर हैं। मैंने उन्हें पत्र लिखा है और मैंने उनके हर नोटिस का जवाब भी दिया है। ये लोग पिछले दो सालों से मुझे लगातार परेशान कर रहे हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य हमारी पार्टी को तोड़ना है। हम झुकने वाले नहीं हैं और हम टूटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से हमें पहले अदालत में न्याय मिला था, इस बार भी हमें न्याय मिलेगा। यह एक ऐसा मामला है जो पूरी तरह से फर्जी है।
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी खान के समर्थन में एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, ईडी की क्रूरता देखिए। अमानतुल्लाह खान पहले ईडी जांच में शामिल हुए, फिर आगे के लिए समय मांगा। उनकी सास को कैंसर है, उनका ऑपरेशन हुआ है। वे सुबह-सुबह घर पर छापा मारने पहुंच गए। अमानतुल्लाह के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन ईडी की गुंडागर्दी जारी हैं। इस साल अप्रैल की शुरुआत में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन पर कथित रूप से उपस्थित न होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ दायर हालिया शिकायत के संबंध में खान को जमानत दे दी थी।
बता दें कि ईडी ने हाल ही में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्ति और इसकी संपत्तियों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में एजेंसी के सामने पेश न होने और जांच में शामिल न होने के लिए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि खान ने अग्रिम जमानत याचिका दायर करके और जांच से भागकर अपनी भूमिका को गवाह से आरोपी में बदल दिया है।
ईडी के वकील ने आगे कहा कि वे उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं कर पाए क्योंकि वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। चार आरोपियों और एक फर्म के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। आरोप है कि 100 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से लीज पर दिया गया। यह भी आरोप है कि खान के अध्यक्ष रहते हुए दिल्ली वक्फ बोर्ड में 32 संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया।