भारतीय राष्ट्र समिति की एमएलसी के कविता की याचिका के के खिलाफ ED ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर की है । एमएलसी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपने खिलाफ जांच एजेंसी की ओर से जारी समन को चुनौती दी है। बता दें कि विरोध-पत्र या केवियट आवेदन यह आश्वस्त करने के लिए किया जाता है कि बिना दूसरे पक्ष को सुने उनके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नही किया जाए ।
बिना सुनवाई आदेश जारी न करने का अनुरोध
अब जांच एजेंसी ने एप्लिकेशन दायर कर कोर्ट से बिना सुनवाई आदेश जारी न करने का अनुरोध किया है। कविता ने अपनी याचिका में नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि एक महिला को ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जा सकता, और उनसे घर पर ही पूछताछ की जानी चाहिए। 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दी थी और सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की थी।
कविता पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप \
दिल्ली शराब नीति मामले में के कविता पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, और कथित रूप से 100 करोड़ रुपए के हेरफेर का मामला है। कविता के वकील ने बताया कि एक महिला से दफ्तर बुलाकर पूछताछ किया जाना पूरी तौर से कानून के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि दायर याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ खुद मामले की सुनवाई करेंगे।
समन को खारिज करने की मांग
कविता की वकील वंदना सेहगल द्वारा दायर याचिका में 7 और 11 मार्च को ईडी द्वारा भेजे गए समन को खारिज करने की मांग की गई थी। वकील ने दलील दी कि एजेंसी कविता को उनके घर पर पूछताछ के बजाय ऑफिस बुला रही है। साथ ही कविता ने एजेंसी की पूछताछ, बयान का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग वकील के सामने किए जाने की मांग की थी। गौरतलब है कि, दिल्ली शराब नीति केस में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने के कविता से 9 घंटे पूछताछ की थी, लेकिन अगले समन पर वह पेश नहीं हुईं।