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यूनिटेक समूह पर ईडी का शिकंजा, कुर्क की गई बेनामी कंपनियों की संपत्तियां

देश में आर्थिक अपराध पर रोक लगाने वाली संस्था ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने धनशोधन कानून के तहत यूनिटेक समूह की कथित बेनामी कंपनियों की 18.14 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया है।

देश में आर्थिक अपराध पर रोक लगाने वाली संस्था ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने धनशोधन कानून के तहत यूनिटेक समूह की कथित बेनामी कंपनियों की 18.14 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी द्वारा कुर्क की गई इन संपत्तियों में गुरुग्राम (हरियाणा) में बने मल्टीप्लेक्स, गुरुग्राम तथा उत्तर प्रदेश के लखनऊ में छह व्यावसायिक संपत्तियां तथा 24 बैंक खाते और सावधि जमा शामिल हैं। ईडी ने बताया की, कुर्क की गई इन संपत्तियों का मूल्य 18.14 करोड़ रुपये है।
बेनामी संस्थाओं को अपने करीबियों के माध्यम से चला रही थे चंद्रा 
ईडी ने अपने एक बयान में कहा, यह संपत्तियां ‘इनोवा फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘एफएनएम प्रॉपर्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर हैं, जो चंद्रा (यूनिटेक के प्रमोटर अजय चंद्रा और संजय चंद्रा) की बेनामी कंपनियां हैं। आरोप हैं कि इन दो बेनामी संस्थाओं को चंद्रा अपने करीबियों के माध्यम से चला रहे थे। बेनामी लेनदेन एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसी संपत्ति(चल अथवा अचल) किसी व्यक्ति के नाम स्थानांतरित की जाती है अथवा ली जाती है,जबकि हकीकत में उसका मालिक कोई अन्य व्यक्ति होता है।
साल की शुरुआत में दर्ज किया था ईडी ने केस
धनशोधन का यह मामला यूनिटेक समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ घर खरीदारों द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर आधारित है। ईडी ने इस साल की शुरुआत में यूनिटेक समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ धन शोधन निषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक अपराधिक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि, मालिकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा- ने अवैध रूप से ‘दो हजार करोड़’ से अधिक रुपये साइप्रस और केमैन द्वीप भेजे थे। इस मामले में अब तक कुल 690.66 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। गत माह ईडी ने इस मामले में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा, उनकी बहू प्रीति चंद्रा और एक कंपनी के कार्यकारी अधिकारी को गिरफ्तार किया था।

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