देश में ई-कॉमर्स का व्यापार काफी तेजी से बढ़ रहा है और इसका फायदा जनता को मिल रहा है। तो वहीं, दूसरी तरफ ऐसा होने से व्यापारी संगठन को खासा नुकसान हो रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन पर ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट और उसके संस्थापकों को नोटिस जारी किया है, ऐसे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि इसी तरह के नोटिस वॉलमार्ट समर्थित अमेजन को भी भेजा जाना चाहिए।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फ्लिपकार्ट को भेजा गया नोटिस एक बहुप्रतीक्षित सही कदम है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों अपने-अपने मार्केटप्लेस पर एक तरजीही विक्रेता प्रणाली का संचालन कर रहे हैं जो ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के खिलाफ है जिसके लिए लंबे समय से कैट अपनी आवाज उठा रही है। हम प्रवर्तन निदेशालय से अमेजॉन को भी इसी तरह का नोटिस भेजने की मांग करते हैं, क्योंकि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों एक ही नाव में सवार हैं।
व्यापारियों के निकाय ने ईडी के इस कदम की सराहना की और कहा कि 2016-2021 के दौरान अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों द्वारा कानूनों के उल्लंघन की जांच की जानी चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि ईडी को न केवल भारी जुमार्ना लगाना चाहिए, बल्कि सरकार को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों के पोर्टलों पर तब तक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, जब तक कि वे एफडीआई कानूनों का पालन नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के तहत, विदेशी वित्त पोषित कंपनियां केवल प्रौद्योगिकी सुविधा प्रदान करने वाले बाजार के रूप में कार्य कर सकती हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माल नहीं बेच सकती हैं, जबकि ये कंपनियां इन्वेंट्री मोड में काम कर रही थीं। ईडी ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापकों और नौ अन्य को नोटिस जारी किया है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फ्लिपकार्ट को भेजा गया नोटिस एक बहुप्रतीक्षित सही कदम है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों अपने-अपने मार्केटप्लेस पर एक तरजीही विक्रेता प्रणाली का संचालन कर रहे हैं जो ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के खिलाफ है जिसके लिए लंबे समय से कैट अपनी आवाज उठा रही है। हम प्रवर्तन निदेशालय से अमेजॉन को भी इसी तरह का नोटिस भेजने की मांग करते हैं, क्योंकि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों एक ही नाव में सवार हैं।
व्यापारियों के निकाय ने ईडी के इस कदम की सराहना की और कहा कि 2016-2021 के दौरान अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों द्वारा कानूनों के उल्लंघन की जांच की जानी चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि ईडी को न केवल भारी जुमार्ना लगाना चाहिए, बल्कि सरकार को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों के पोर्टलों पर तब तक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, जब तक कि वे एफडीआई कानूनों का पालन नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के तहत, विदेशी वित्त पोषित कंपनियां केवल प्रौद्योगिकी सुविधा प्रदान करने वाले बाजार के रूप में कार्य कर सकती हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माल नहीं बेच सकती हैं, जबकि ये कंपनियां इन्वेंट्री मोड में काम कर रही थीं। ईडी ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापकों और नौ अन्य को नोटिस जारी किया है।
वित्तीय जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, नोटिस में उन्होंने यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि विदेशी निवेश कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए उन्हें 1.35 अरब डॉलर के दंड का सामना क्यों नहीं करना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि फ्लिपकार्ट और उसकी सिंगापुर में एक सहित अन्य होल्डिंग फर्मों ने 2009 और 2015 के बीच विदेशी निवेश आकर्षित करते हुए विदेशी मुद्रा मैगमेनेट अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किया।