निर्वाचन आयोग ने हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान मिले अनुभवों और कमियों को चिह्नित करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था।
‘कोर कमेटी’ को निर्वाचन आयोग के नियामकीय शासन में कमियों और राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारियों तथा जिला अधिकारियों के स्तर पर क्रियान्वयन में अंतराल की पहचान करने का काम सौंपा गया है। बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, कमेटी कानूनी और नियामकीय ढांचे को मजबूत करने की जरूरत पर भी गौर करेगी ताकि आयोग कोविड-19 संबंधी नियमों समेत सभी दिशा-निर्देशों का प्रभावी तरीके से पालन सुनिश्चित करा सके।
निर्वाचन आयोग को आरोपों का सामना करना पड़ा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करवाने में नाकाम रहा। आरोपों को खारिज करते हुए आयोग ने कहा था कि उसने प्रचार की अवधि घटाकर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल किया और उल्लेख किया कि आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों को लागू करना राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की जिम्मेदारी है।
‘कोर कमेटी’ निष्पक्ष चुनाव के लिए व्यय प्रबंधन नियमन को मजबूत करने के लिए उपायों पर भी गौर करेगी। बयान में कहा गया कि कोर कमेटी की सिफारिशों से निर्वाचन आयोग को आगामी चुनावों के लिए आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली ‘कोर कमेटी’ को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।