चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘‘पीएम नरेंद्र मोदी’’ के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज हो रही थी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र एवं अशोक लवासा के हस्ताक्षर से आज यहां जारी आदेश के अनुसार 17वीं लोकसभा चुनाव में 10 मार्च से लागू आर्दश चुनाव आचार संहिता को देखते हुए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई है।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर बनी इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी और इस फिल्म को लेकर देश भर में विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की गयी थी। विपक्षी दलों ने अपनी शिकायत में कहा था कि इस फिल्म में सृजनात्मक आजादी के नाम पर एक पार्टी विशेष और एक उम्मीदवार विशेष को प्रचार दिया गया है और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गयी है जो कि आर्दश चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
आयोग ने आदेश में कहा है कि आर्दश चुनाव आचार संहिता के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी सिनेमा में इस तरह की प्रचार सामग्री के सार्वजनिक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है। जिसमें केंद्र में सत्तारुढ किसी दल या राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार की उपलब्धियों को चुनावी फायदे के लिए दिखाया गया हो।
आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी निष्पक्ष और मुक्त चुनाव कराये जाने के बारे में फैसला सुनाया है और यह संविधान के बुनियादी ढांचे के अनुरुप है। सुप्रीम कोर्ट ने नौ अप्रैल को इस फिल्म के संदर्भ में यह फैसला सुनाया था कि इस फिल्म से किसी राजनीतिक दल को चुनावी फायदा हो सकता है या नहीं इसके निर्णय का अधिकार चुनाव आयोग को है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को भी कहा था कि फिल्म के बारे में विचार करते समय वह आर्दश चुनाव आचार संहिता का ख्याल रखे। आयोग ने छह अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि किसी भी प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति पहले आयोग से ली जाये।
आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि किसी सिनेमा से आर्दश चुनाव संहिता का उल्लंघन होता है तो उसकी शिकायत की जांच आयोग द्वारा गठित समिति करेगी। जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के आवकाश प्राप्त न्यायाधीश या हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश करेंगे।