रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार लोक सुराज के जरिए नए सिरे से चुनावी मोड में नजर आ रही है। सत्ता और संगठन में तालमेल के जरिए सरकार सीधे आम लोगों तक पहुंचकर चुनावी कवायदों को अंतिम रूप दे रही है। प्रेक्षकों का दावा है कि चुनाव के ठीक पहले यह रमन सरकार का जनसंपर्क होगा। इस लिहाज से भी सत्ता और संगठन के साथ प्रशासन के निचले स्तर पर जाने को राजनीतिक नजरिए से अहम माना जा रहा है।
हालांकि सरकार के अभियान में राजनीतिक दलों की सीधे भागीदारी पर सवाल उठे हैं। इसके बावजूद सुराज के दौरान सरकार केवल समस्याओं को दूर करने की कोशिशें करेगी। वहीं सत्ताधारी दल की ओर से आम लोगों को जागरूक करने और समस्याएं लेकर शिविरों में पहुंचाने के प्रयास होंगे। इस दौरान सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं का फायदा अंतिम छोर तक पहुंचाने की कोशिशें होगी। चुनावी साल के बजट में की गई घोषणाओं को भी सुराज के जरिए ही अमलीजामा पहनाने की कोशिशें है।
रमन सरकार के लगातार तीन कार्यकाल में 15वें वर्ष सुराज अभियान को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में विपक्षी हमलों और मुद्दों के जरिए घेरेबंदी के बीच सरकार का फोकस आम लोगों से सीधे संवाद कर फीड बैक लेने पर होगा। सुराज के जरिए सरकार के साथ सत्ताधारी दल कामकाज को लेकर फीड बैक के साथ ही भावी चुनावी रणनीति तय करेगा।
वहीं विभिन्न क्षेत्रों में खामियों को सूचीबद्ध कर दुरूस्त किया जाएगा। इस बार समस्याओं से संबंधित आवेदनों के निराकरण को लेकर भी अलग व्यवस्था की गई है। इस वजह से भी केवल आवेदनों के संबंधित विभागों में भेजे जाने से ही निराकृत होने को लेकर शिकायतें नहीं होगी। इसके लिए प्रशासनिक अमले को जवाबदारी दी गई है। शिकायतों और समस्याओं को दूर कर बाकायदा इसे संबंधित लोगों को अवगत कराया जाएगा। चुनावी नजरिए से लोक सुराज के अपने राजनीतिक मायने भी माने जा रहे हैं।
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