पटना : बिहार में बिजली की दर में पांच से नौ प्रतिशत की वृद्धि की गयी है, जो एक अप्रैल से प्रभावी होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीईआरसी)के अध्यक्ष शक्ति कुमार नेगी ने आज यहां बताया कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वर्तमान टैरिफ में पांच प्रतिशत और उद्योग की टैरिफ में 9.29 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
बढ़ी हुई नयी दर एक अप्रैल से प्रभावी होगी। उन्होंने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट तक बिजली की खपत पर वर्तमान दर में 40 पैसे, 100 से 200 यूनिट पर 45 पैसे और 200 से ऊपर यूनिट पर 55 पैसे की वृद्धि की गयी है। बिजली बिल के फिक्स चार्ज पर किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
श्री नेगी ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना सात दिन चौबीय घंटे सभी को बिजली, मुख्यमंत्री हर घर बिजली योजना और सौभाग्य सहित अन्य योजनाओं के तहत सभी उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2018-19 तक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि साथ ही दिसंबर 2017 तक सभी गांवों का विद्युतीकरण कार्य पूरा करने के लिए नेटवर्क का विस्तार होने से पूंजीगत व्यय में वृद्धि हुई है, जिसके कारण से बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है।
बीईआरसी अध्यक्ष ने बताया कि उपभोक्ताओं को बिजली बिलों का समय से भुगतान करने पर 1.5 प्रतिशत की छूट के साथ ही पोर्टल के जरिये ऑनलाइन भगुतान करने पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार समय पर बिल का भुगतान ऑनलाइन करने पर उपभोक्ता को 2.5 प्रतिशत की छूट प्राप्त होगी। इस बीच ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिजली की दरों में वृद्धि से उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई दरों के आदेश की प्रति मिलने पर सरकार सब्सिडी के संबंध में फैसला लेगी। गौरतलब है कि पिछले वर्ष विनियामक आयोग की अनुशंसा के बाद राज्य सरकार ने अलग-अलग स्लैब में सब्सिडी की घोषणा की थी। उपभोक्ता को उसके बिजली बिल पर कितने रुपए की सब्सिडी दी जा रही है इसका जिक्र अब बिजली बिल पर अंकित रहता है।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।