बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति शर्मनाक है जिसके कारण राज्यपाल सत्य पाल मलिक को हस्तक्षेप करना पड़ा।
तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा,‘अति शर्मनाक। राज्यपाल महोदय जानते हैं कि नीतीश राज में कानून व्यवस्था की स्थिति शर्मनाक है और सीएम के अधीन गृहविभाग भ्रष्टाचार के दलदल में डूबा है। अब समझ लीजिए कि बिहार में क्या हालात होंगे जब राज्यपाल को हस्तक्षेप कर महिलाओं के उत्पीड़न पर संज्ञान लेना पड़ रहा है।‘
नेता प्रतिपक्ष के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी ट्वीट कर कहा कि वे 8 वीं पास हैं और अपने ज्ञान का आतंक नहीं फैलाएं। राज्यपाल ने अपने अधिकार के तहत ये बात कही है।
उन्होंने कहा,’ महामहिम भी सरकार के अंग होते है,सरकार महिला अपराध को लेकर संवेदनशील है।महामहिम ने सभी महिलाओं, लड़कियों को कहा है कि छेड़खानी हो, तो इसकी सूचना राजभवन को भी दे सकते हैं,इसमे बुराई क्या है। यह सरकार की संवेदनशीलता दर्शाता है, अब इसमें आपको बेचैनी है तो क्या किया जाये।‘
नीरज कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा,‘ तेजस्वी यादव जी जी, मेरी गुजारिश है कि खुद नहीं तो किसी से संविधान में निहित राज्यपाल की शक्तियों और कार्यों को पढ़वाकर समझ लीजिए,आपके ट्वीट लोगों के हंसी के कारण बन जा रहे है। संविधान के अनुच्छेद 153 से 167 के तहत दी गयी शक्तियों के तहत महामहिम ने ही बयान दिये हैं।‘
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते तेजस्वी यादव की भी जिम्मेदारी बनती है कि कोई परेशानी में है तो वह उसकी मदद करें सिर्फ आलोचना नहीं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पुलिस विभाग में काम करने वाले लोग संवेदनशील हैं। आपराधिक घटनाओं पर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है।
गौरतलब है कि राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने कल छात्र संवाद कार्यक्रम में कहा था कि छेड़खानी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि पीड़ति बेटियां हो या महिलाएं, वे डरे नहीं और राजभवन में सीधी शिकायत करें। महिलाएं राजभवन में 24 घंटे में कभी भी फोन करके शिकायत कर सकती हैं। राजभवन में कुछ अधिकारियों को इसके लिए नियुक्त किया गया है जो उन्हें प्राथमिकी दर्ज कराने समेत अन्य मदद करेंगे।
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