वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पिछले दो महीने में 14.62 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित किये गये। इस पर कुल 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वह यहां आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्तों की घोषणा कर रही थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक सहायता पैकेज की घोषणा की थी।
सीतारमण ने कहा कि 13 मई तक 2.33 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया गया। पिछले साल मई के मुकाबले इस साल इससे जुड़ने वाले श्रमिकों की संख्या 40 से 50 प्रतिशत अधिक रही। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों पर काम कर रही है। इसमें पूरे देश में एक जैसी न्यूनतम मजदूरी लागू करना शामिल है जो क्षेत्रीय असमानता को दूर करेगी। इसके लिए सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम पारिश्रमिक ढांचा तैयार करेगी।
इसके अलावा गुरूवार को निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर एक बार फिर मीडिया कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषितआर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी है।
जानिये क्या है बड़े ऐलान :
-मर्च 2021 तक मध्यम आय समूह (वार्षिक आय 6-18 लाख रुपये) के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) का विस्तार किया जायेगा। 2020-21 के दौरान लाभ के लिए 2.5 लाख मध्यम आय वाले परिवार को लाभ दिया जायेगा। -50 लाख सड़क विक्रेताओं की मदद करने के लिए सरकार 5000 करोड़ रुपये के विशेष क्रेडिट सुविधा की घोषणा की गयी।
-भारत सरकार 12 महीने की अवधि के लिए मुदरा-शिशु ऋण भुगतान के लिए 2% का ब्याज सबवेंशन प्रदान करेगी और MUDRA-Shishu ऋण भुगतानकर्ताओं को 1500 करोड़ रुपये की राहत दी जाएगी।
-प्रवासी श्रमिकों / शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास के लिए एक योजना शुरू करने के लिए रियायती के माध्यम से पीपीपी मोड के तहत शहरों में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाएगी।
-वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा- पीडीएस की 83% आबादी वाले 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा कवर किया जाएगा।
-प्रवासी मजदूरो को दो महीने के लिये मुफ्त राशन, प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल, प्रति परिवार एक किलो चना मिलेगा। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपय का प्रावधान किया गया है।
-वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की दूसरी किस्त जारी करते हुए कहा, तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं।-केंद्र सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को मिलेगा लाभ।
-25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। साथ ही किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है। इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया।
-मार्च और अप्रैल 2020 केवल दो महीने में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंजूर किये गये है।नाबार्ड ने अकेले मार्च में ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ रुपये की मदद दी है।
-प्रवासियों के लिए आश्रय स्थापित करने और उन्हें भोजन और पानी आदि प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ का उपयोग करने की अनुमति दी है। राज्यों को प्रवासी मजदूरों अन्य का ध्यान रखने के लिये 11,000 करोड़ रुपये दिये गये है और शहरी बेघरों को केन्द्र सरकार के खर्च पर प्रतिदिन खाना मुहैया कराया जा रहा है।
-सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार के अवसरों पर कहा, मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये। मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा. 2.33 करोड़ लोगों को फायदा। न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है।
-# COVID19 की अवधि में 12,000 स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने 3 करोड़ से अधिक मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया है। पिछले दो महीनों के दौरान शहरी गरीबों के लिए 7,200 नए एसएचजी का गठन किया गया है।
-वित्त मंत्री ने कामकाज के क्षेत्र में सुधारों के बारे में कहा, सरकार एक समान न्यूनतम मेहनताना अधिकार होने के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम वेतन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त इसके अंतर को दूर किया जायेगा।