प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने कोविड-19 फैलने के दौरान दिल्ली में एम्स के नेत्र विज्ञान केंद्र में कथित धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 3.68 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति तथा बैंक में जमा राशि जब्त की है।धन शोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2021 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक कर्मचारी बिजेंद्र कुमार तथा अन्य के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी से सामने आया।
जानिए ! क्या है पूरा मामला
पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी फैलने के दौरान एम्स के नेत्र विज्ञान के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर (आरपीसी) को सामान की आपूर्ति किए बिना स्नेह इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को भुगतान किया गया।ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि कुमार एम्स की नेत्र विज्ञान इकाई में कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक के तौर पर काम कर रहा था और उसने डॉ. अतुल कुमार (एम्स, आरपीसी के तत्कालीन प्रमुख) के एक कार्यक्रम सहायक (संविदात्मक) के साथ मिलकर ‘‘फर्जी’’ सामान के ऑर्डर (इंडेंट) तैयार किए तथा स्नेह इंटरप्राइजेज के पक्ष में ‘‘फर्जी’’ आपूर्ति ऑर्डर दिए।उसने कहा कि स्नेह इंटरप्राइजेज की मालिक स्नेह रानी ने एम्स से ‘‘फर्जीवाड़ा’’ कर हासिल की गयी धन राशि अपने अन्य बैंक खाते में भेजी और विभिन्न पक्षकारों को भुगतान किया।