प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IAS पूजा सिंघल के खिलाफ एक बार फिर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है। जांच एजेंसी ने आज सुबह बिहार और झारखंड में करीब सात जगहों पर छापे मारे। गिरफ्तार IAS के खिलाफ यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम कानून की आपराधिक धाराओं के तहत की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने सिंघल (44) को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। उन्हें झारखंड के खूंटी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) निधि के कथित गबन और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार ने बाद में उन्हें निलंबित कर दिया था और वह इस समय संघीय जांच एजेंसी की हिरासत में हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों में पहले भी फंस चुकी हैं पूजा सिंघल
2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल झारखंड की चर्चित अधिकारी रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से उनका गहरा नाता है। आधा दर्जन से भी ज्यादा मामलों में उनपर जांच भी बैठी है। कुछ मामलों में उन्हें क्लीन चिट भी मिला है। इन सबके बावजूद उन्हें हमेशा खास पोस्टिंग मिलती रही। इन दिनों वह दो विभागों खान एवं उद्योग में सचिव के रूप में पोस्टेड हैं। इनके अलावा वह झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की डायरेक्टर के एडिशनल चार्ज में भी हैं।
बता दें कि 2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल खूंटी व चतरा में मनरेगा घोटाले में जांच के दायरे में है। ईडी ने पूर्व में मनरेगा घोटाले में जूनियर इंजीनियर रामविनोद सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की थी। रामविनोद से पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने पूजा सिंघल की भूमिका की जांच शुरू की थी। मनरेगा घोटाले के साथ-साथ अलग अलग पदों पर रहते हुए लाभ अर्जित कर पैसों की मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर जांच की जा रही है।