किसानों को 100 रुपये प्रीमियम के बदले मिले 500 रुपये, PMFBY के नाामांंकन में 27 % की हुई बढ़ोतरी

किसानों को 100 रुपये प्रीमियम के बदले मिले 500 रुपये, PMFBY के नाामांंकन में 27 % की हुई बढ़ोतरी
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सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को लेकर एक रिपोर्ट प्रकशित की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में PMFBY केे तहत हुए नाामांंकन में अब इस वर्ष 2023 -24  में  27 % की वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन के पिछले 8 वर्षों में – 56.80 करोड़ किसान आवेदनों को नामांकित किया गया है और 23.22 करोड़ से अधिक किसान आवेदकों को दावे प्राप्त हुए हैं। इस अवधि के दौरान, किसानों द्वारा प्रीमियम के हिस्से के रूप में लगभग 31,139 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जिसके खिलाफ 1,55,977 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया गया है। इस प्रकार, किसानों द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये प्रीमियम के लिए, उन्हें दावों के रूप में लगभग 500 रुपये प्राप्त हुए हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) एक मांग आधारित योजना है और राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए स्वैच्छिक है। 2021-22 और 2022-23 के दौरान किसान आवेदनों की संख्या में साल-दर-साल क्रमशः 33.4% और 41% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 के दौरान, योजना के तहत नामांकित किसानों के संदर्भ में अब तक 27% की वृद्धि हुई है। साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के तहत बीमित कुल किसानों में से 42% गैर-ऋणी किसान हैं।

प्रीमियम के मामले में विश्व स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी बीमा योजना, 2016 में शुरू की गई पीएम फसल बीमा योजना, किसानों को फसल के नुकसान या अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाले नुकसान से बचाती है। पीएमएफबीवाई योजना के इसके उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है जिसमें विशेष रूप से प्राकृतिक आपदा प्रभावित मौसमों/वर्षों/क्षेत्रों में किसानों की आय को स्थिर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है। PMBFY एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, इसलिए, इस योजना के तहत कोई राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार आवंटन और जारी नहीं किया जाता है।

क्या है PMFBY ?
इस योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी। यह एक केंद्रीय योजना है जिसकी तैयारी और प्रशाशन केंद्र सरकार करती है हालांकि इसका कार्यान्वयन सबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश करती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्राकृतिक आपदाएं, कीट और रोग के कारण फसल ख़राब होने की स्थिति में किसानों को उस फसल का बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

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