सरकार ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में अनिवार्य रूप से यौन शिक्षा आरंभ करने की कोई योजना नहीं है, हालांकि एनसीईआरटी ‘किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम’ (एईपी) के कार्यान्वयन में सहयोग कर रही है। लोकसभा में संजय काका पाटील के प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज यह कहा।
जावड़ेकर ने कहा, ”सरकार का स्कूलों और कॉलेजों में अनिवार्य रूप से यौन शिक्षा प्रदान करने के लिए कोई योजना या नियमावली तैयार करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।” उन्होंने कहा, ”मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के सहयोग से वर्ष 2005 में ‘किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम’ (एईपी) की शुरुआत की गई थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोर विद्यार्थियों को संकटमय स्थितियों, नशीलें पदार्थें के सेवन से अपना बचाव करने तथा स्वयं को जिम्मेदार व्यवहार के प्रति सशक्त बनाना है।” मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि द्वारा समर्थित घटक सहित ‘किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम’ (एईपी) के कार्यान्वयन में सहयोग कर रही है।
अधिक जानकारियों के लिए यहां क्लिक करें।