कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह से कोरोना के नए-नए खतरनाक वेरिएंट सामने आ रहे हैं, उससे स्थिति और ज्यादा खतरनाक बनती जा रही है। डेल्टा और ओमीक्रोन जैसे कोरोना के नए वेरिएंट आने के बाद इस घातक वायरस के लक्षण भी तेजी से बदल रहे हैं। कोरोना को आए हुए तीन साल हो गए हैं और अभी तक इसका स्थायी इलाज नहीं मिला है। इसी संदर्भ में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में कोविड से मृत्यु होने पर 1616 स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को 880 लाख रुपये का भुगतान अनुग्रह राशि के तौर पर किया गया है।
श्री मांडविया ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोविड मृत्यु होने पर 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया है। इसके तहत अभी 1616 स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को 880 लाख रुपए दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्यकर्मियों में डाक्टर, नर्स, चिकित्सा सहायक कर्मी और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कोविड मृत्यु का निर्धारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाता है।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री मांडविया ने कहा कि केंद, सरकार वही आंकड़ प्रदर्शित करती है, जो राज्य सरकारों से प्राप्त होते हैं। उन्होंने कोविड मृत्यु संबंधी आंकड़ छिपाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को पूर्व में हुई कोविड मृत्यु दर्शाने का विकल्प दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यक हुआ जो इस संबंध में राज्य सरकारों को परामर्श दिया जाएगा।