कोरोना वायरस (कोविड-19) के भारत में लगातार बढ़ते मामलो के कारण देश में कई जगहों पर दहशत का माहौल देखने को मिला रहा है। जिसके मद्देनजर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक टॉप वैज्ञानिक ने कहा कि भारत में अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले है कि वायरस, कम्यूनिटी ट्रांसमिशन यानी समुदायों के बीच फैल रहा हो।
टॉप साइंटिस्ट डॉक्टर रमन गंगाखेदकर ने बताया है कि 826 सैंपल्स, जो इंफ्लुएंजा और सांस की गंभीर बीमारी से जुड़े थे, उनकी टेस्टिंग से यह बात सामने आई है कि अभी तक कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के केस देश में सामने नहीं आए हैं। लेकिन भारतीय एक्सपर्ट्स का मानना है भारत में दो से तीन हफ्ते पहले कम्यूनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसारण) शुरू हो चुका है।
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डिजीज डायनेमिक्स एकोनामिक एंड पॉलिसी सेंटर के निदेशक लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि देश की जनसंख्या के अनुसार हमने कोई जांच नहीं की है। बता दें कि सामुदायिक प्रसारण तब होता है जब बिना किसी यात्रा इतिहास वाला व्यक्ति कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में पाया जाता है। इसका मतलब है कि कई ऐसे लोग भी संक्रमण फैला रहे हैं जिनकी जांच नहीं हुई है।