विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब चीन जैसी क्षेत्रीय शक्ति महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रही हो, तो भारत को इससे होने वाले ‘अस्थिरतापूर्ण बदलावों’ के लिए तैयार रहना होगा।जयशंकर यहां पीईएस विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत कर रहे थे।
चीन और ताइवान के संबंध में मौजूदा हालात के प्रभावों को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप हिंद महासागर क्षेत्र समेत तटीय क्षेत्रों के आसपास चीन की व्यापक मौजूदगी की बात कर रहे हैं तो मेरा मानना है कि इस बारे में भारत को आकलन और मूल्यांकन करना होगा, जिसमें हमारी अपनी सुरक्षा पर पड़ने वाला असर भी शामिल है। क्योंकि ऐतिहासिक रूप से हमने चीन को हमेशा हमारे उत्तर में स्थित देश की तरह देखा है। इस स्थिति पर हम नजर रखे रहते हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता बड़ा मसला
जयशंकर ने कहा, ‘‘जब कोई शक्ति क्षेत्रीय ताकत से महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रही हो तो बहुत अस्थिरतापूर्ण बदलाव होते हैं और इन बदलावों के लिए हमारे देश को तैयार रहना होगा। जब हमारे हित शामिल हों तो मुझे लगता है कि यह बात बहुत मायने रखती है कि हम अपने हितों की रक्षा करने के लिए बहुत स्पष्ट और दृढ़ हों।’संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह बड़ा मसला है और आसानी से ऐसा नहीं होने वाला क्योंकि दुनिया उदार जगह नहीं है और देशों को जो मिलता है, उसके लिए बहुत संघर्ष करना होता है।