विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली है। इस दौरान राज्य सभा में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। पूर्व विदेश सचिव जयशंकर को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के बाद संसद में निर्वाचित होना जरूरी हो गया था।
जयशंकर पिछले सप्ताह गुजरात से उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए थे। सदन की बैठक शुरू होने पर आज उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली। उन्होंने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। भारतीय विदेश सेवा के 1977 बैच के अधिकारी जयशंकर ने जब शपथ ली, देश के जानेमाने रणनीतिक विश्लेषक दिवंगत के सुब्रमण्यम के पुत्र जयशंकर को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री बनाया गया है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जयशंकर विदेश सचिव थे। पूर्व शीर्ष राजनयिक एस जयशंकर कृष्णास्वामी ने जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्रालय का प्रभार संभाला तब वह संसद के सदस्य नहीं थे। गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।
इस वजह से गुजरात की दो राज्यसभा सीटें रिक्त हो गईं और इन सीटों पर पिछले सप्ताह उपचुनाव कराया गया। इनमें से एक सीट से जयशंकर उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए। गुजरात से राज्यसभा की दो सीटें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई थीं। जयशंकर ने गुजरात कोटे की राज्यसभा की दो सीटों पर हुए चुनाव में 104 वोटों पर जीत दर्ज हासिल की।
राज्यसभा की दो सीट के लिए बीते शुक्रवार को हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार एस जयशंकर व जुगलजी ठाकोर की जीत पहले से तय थी, लेकिन कांग्रेस ने हार तय होने पर भी गौरव पंड्या व पूर्व मंत्री चंद्रिका बेन चूडास्मा को मैदान में उतारा। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि जयशंकर और ठाकोर को जरूरत से अधिक वोट मिले।
उन्होंने कहा, ”लेकिन प्रक्रिया के तहत दिल्ली में ही चुनाव आयोग निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतिम परिणाम की घोषणा कर सकता है।” जयशंकर और ठाकोर को बीजेपी के 100 विधायकों के अलावा राकांपा के एक विधायक, भारतीय ट्रायबल पार्टी के दो और कांग्रेस के दो असंतुष्ट विधायकों अल्पेश ठाकोर और जाला के वोट मिले हैं।