भारत के विदेश मंत्री और फिजी के प्रधानमंत्री बुधवार को फिजी में एक नए विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। दक्षिण प्रशांत महासागर द्वीपीय देश में पिछले साल दिसंबर में एक नयी गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से, 15 फरवरी से जयशंकर की फिजी यात्रा किसी भारतीय नेता की पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के सचिव सौरभ कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जयशंकर के राबुका से मुलाकात करने और कई नेताओं के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है।
भाषायी समन्वय एवं हिंदी अनुवाद जैसे 10 समानांतर सत्र होंगे
जयशंकर के अलावा, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के भी 15 से 17 फरवरी तक आयोजित होने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘हिंदी:पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक’ है। सम्मेलन में एक पूर्ण सत्र और गिरमिटिया देशों में हिंदी; फिजी और प्रशांत क्षेत्र में हिंदी; सूचना प्रौद्योगिकी और 21वीं सदी में हिंदी; मीडिया और हिंदी को लेकर वैश्विक धारणा;भारतीय ज्ञान परंपराओं और हिंदी का वैश्विक संदर्भ;भाषायी समन्वय एवं हिंदी अनुवाद जैसे 10 समानांतर सत्र होंगे।
सम्मेलन के लिए फिजी की यात्रा
सम्मेलन में हिंदी सिनेमा के विभिन्न रूपों और वैश्विक परिदृश्य; वैश्विक बाजार और हिंदी; बदलते परिदृश्य में प्रवासी हिंदी साहित्य तथा भारत एवं विदेश में हिंदी शिक्षण, चुनौतियां व समाधान पर समानांतर सत्र आयोजित किया जाएगा। हिंदी के विद्वानों और अधिकारियों का 270 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन के लिए फिजी की यात्रा करेगा। कुमार ने कहा कि 50 देशों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान चंद प्रसाद ने शुक्रवार को भारत की अपनी पांच दिवसीय यात्रा संपन्न की।