अगर आपको भी खेती में मुनाफा ना हो तो आप भी अपना तरीका बदल कर अपनी किस्मत को कुद ही दिनों में बदल सकते हैं। इस बात का खुद उदाहरण है सीकर जिले के खाचरियावा का किसान भगवान सहाय घायल। कुएं में पाताल की राह पकड़ भूजल स्तर इस किसान के सामने काफी ज्यादा बड़ी समस्या था।
खेती से जीवन गुजराना बहुत मुश्किल सा हो गया था। क्योंकि फसलों के लिए पानी कमी होने लगी थी। ऐसे में कुछ भी दिमाग में नहीं सूझने की वजह से भगवान सहय घायल ने थाइलैंढ से इजरायली बेर का पौधा मंगवाकर खेते में झाडियां लगा दी थी। लेकिन हुआ कुछ यूं कि थोड़े से समय में ही कम पानी में ही कई गुणा पैदावार होने लगी।
600 पौधे लगाए सात बीघा जमीन में
भागवान सहाय घायल ने अपनी सात बीघा जमीन में करीब 600 पौधे लगा दिए थे और सिर्फ एक साल के अंदर ही इनके बैर लगाए हुए पौधों पर बेर लगने लगे। बूंद-बूंद सिंचाई पद्घति की परेशानी भी जल्दी ही खत्म हो गई।
महीनेभर में बेर से हुई डेढ़ लाख की कमाई
किसान भगवान सहाय घायल ने बताया कि एक बैर का वजन करीब सो से डेढ़ सौ ग्राम है। एक झाड़ी से करीब 20 किलो बैर मिल जाते हैं। यानी रोज एक से 2 क्विटल बेर मंडी में भिजवाएं जा रहे हैं। मंडी में बेर आसानी से 20 से 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाते हैं।
ऐसे में बेर बेचने से पूरे महीने में तकरीबन डेढ़ लाख रुपए की आय प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं इन पेडों पर साल में दो बार बैर लगते हैं।