भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के बारे में बताया कि सरकार की ओर से यह संदेश आया है कि वह हमारी मांगों को मानने के लिए तैयार हैं और वह चाहते हैं कि हम आंदोलन खत्म कर लें। हालांकि, आंदोलन खत्म करने पर उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ बातें अस्पष्ट है जिसके कारण किसान मार्चा की बैठक में इस पर कल चर्चा होगी। इन आशंकाओं पर बात करने के बाद ही मोर्चा कोई निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा और हम भी यहीं हैं।
गाजीपुर में किसान नेता ने आगे कहा, “सरकार द्वारा प्रस्ताव दिया गया था कि सारी बातें मान ली जाएंगी आप उठ जाइए। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कमेटी बनाएंगे, परंतु कुछ साफ नहीं है, केस वापसी को लेकर प्रस्ताव है कि केस वापस ले लिए जाएंगे, आप उठ जाइए, लेकिन चिट्ठी पर कौन विश्वास करेगा?”
‘कुछ मुद्दों पर सरकार से मांगा स्पष्टीकरण’
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, “5 सदस्यीय कमेटी की एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई. उसमें सरकार की तरफ से प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। उस प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के साथियों के साथ बैठक हुई, चर्चा हुई। कुछ साथियों को प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण चाहिए था।” उन्होंने कहा, “विषय नोट कर लिए गए हैं उन्हें सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि कल तक सरकार की तरफ से जवाब मिल जाएगा। सरकार की तरफ से जो भी उत्तर आएगा उस पर चर्चा की जाएगी।”
‘सरकार तुरंत केस वापस लेना शुरू करे’
किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर किसानों के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। एसकेएम ने कहा, “जो केस वापस लेने की बात है, उस पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने की शुरुआत होगी। हरियाणा में 48,000 लोगों पर मामले दर्ज़ हैं और भी देशभर में मामले दर्ज़ हैं। सरकार को तुरंत मामले वापस लेने की शुरुआत करनी चाहिए।”
एमएसपी को लेकर समिति के गठन पर ऐतराज
एमएसपी को लेकर बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा, उस पर चर्चा हुई और संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने पेश किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
बता दें कि राकेश टिकैत पिछले एक साल से ज्यादा हो गया है वह घर नहीं गए हैं। उन्होंने इस बात का एलान कर दिया था कि जब तक किसान आंदोलन चलेगा वह घर नहीं जाएंगे। ऐसे में अगर किसानों ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा की तब राकेश टिकैत अपने गांव जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले हैं।