Farmer Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग का मुद्दा अभी सुलझा नहीं था कि किसानों ने नई मांग को लेकर किसान आंदोलन-2 का ऐलान कर दिया है। हाल ही में लागू हुए तीन नए क्रिमिनल लॉ के खिलाफ किसान अब दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी कर रहे है। किसान 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसानों की ओर से पूरे भारत में ट्रैक्टर मार्च के साथ ही नए क्रिमिनल कानूनों की कॉपी को भी जलाया जाएगा।
31 अगस्त तक शंभु बॉर्डर पहुंचेंगे सभी किसान
31 अगस्त को बड़ी संख्या में किसान बॉर्डर पर इकट्ठे होकर रैली करेंगे क्योंकि इस दिन किसान आंदोलन को 200 दिन पूरे हो जाएंगे. केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए किसान संगठनों ने 31 अगस्त को सभी किसानों से अपील की है कि वो बॉर्डर पर पहुंचे. फिर 15 सितंबर को हरियाणा के जिंद में और 22 सितंबर को पीपली में किसानों की रैली आयोजित होगी.
सितंबर में इन तीन जगहों पर होगी रैली
एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर नए आंदोलन की घोषणा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर किसान नेताओं ने नए आंदोलन की घोषणा भी की है। जिसमें एक सितंबर को संभल (उप्र), 15 सितंबर को जींद (हरियाणा) और 22 सितंबर को पीपली (हरियाणा) में रैली की घोषणा की है।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था। इसकी मियाद 17 जुलाई को खत्म हो गई। लेकिन इससे पहले हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का उठा दिया। बता दें कि एमएसपी की लीगल गारंटी सहित करीब 12 मांगों को लेकर 13 फरवरी को पंजाब के किसान दिल्ल के लिए निकले थे। लेकिन हरियाणा सरकार ने पटियाला और अंबाला के बीच शंभू बॉर्डर पर उनका रास्ता बंद कर दिया। तभी से किसान शंभू बॉर्डर पर ही अपना डेरा डाले हुए हैं।
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